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Newsclick Row: आज आरोप पत्र दायर कर सकती है स्पेशल सेल, कुछ वरिष्ठ पत्रकारों व चीनी नागरिकों को बना सकती है आरोपी

नई दिल्ली। चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लेकर चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने के आरोप मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ समेत अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस शनिवार को आरोप पत्र दायर कर सकती है।

करीब छह माह से प्रबीर पुरकायस्थ जेल में बंद हैं। सूत्रों के मुताबिक सेल कुछ चीनी नागरिकों व वरिष्ठ पत्रकारों को भी आरोपित बना सकती है।

बीते अक्टूबर में स्पेशल सेल ने प्रबीर पुरकायस्थ व न्यजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार करने के बाद स्पेशल सेल ने पोर्टल से जुड़े वर्तमान और पूर्व पत्रकारों समेत एचआर कर्मियों से कई बार पूछताछ की गई।

गौतम नवलखा से भी हुई थी पूछताछ

गौतम नवलखा से भी सेल ने मुंबई स्थित उनके आवास पर जाकर दो दिनों तक पूछताछ की थी। जांच में चीनी कंपनियों के पांच छह नागरिकों द्वारा अवैध फंडिंग कर भारत में न्यूजक्लिक के जरिए चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलवाने का पता चला है।

अमित चक्रवर्ती को पुलिस ने इसलिए सरकारी गवाह बनाया ताकि उनसे विदेश से मिलने वाले सभी तरह के वित्तीय लेनदेन व कंपनी की पॉलिसी आदि के बारे में जानकारी मिल सके।

इस मामले में पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच शुरू की थी फिर स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारियां कीं।

सीबीआई एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन की कर रही जांच

सीबीआई विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में समाचार पोर्टल और उसके निदेशक सहित अन्य के खिलाफ जांच कर रही है।

न्यूजक्लिक पर चीनी कंपनियों से अवैध तरीके से पैसे लेने का आरोप है। कंपनी ने बिना लाइसेंस के चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लिए जो फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है।

किसी भी भारतीय कंपनी को विदेश से फंड लेने के लिए पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए विस्तृत गाइडलाइन है। न्यूजक्लिक पर केंद्र सरकार से बिना लाइसेंस लिए कई वर्षों से चीन से पैसे लेने का आरोप है।

बीते साल 3 अक्टूबर को की थी 100 ठिकानों पर छापेमारी

स्पेशल सेल ने तीन अक्टूबर को न्यूजक्लिक के सैदुलाजाब स्थित कार्यालय समेत कंपनी से जुड़े पत्रकारों व अन्य के दिल्ली-एनसीआर समेत पांच शहरों में 100 से अधिक ठिकानों पर 11 घंटे तक छापेमारी की थी।

उक्त जगहों से पुलिस ने कुल 37 लोगों को हिरासत में लिया था। बाद में प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर बाकी को छोड़ दिया गया था।

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