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दुकान में मिले भाई-बहन के शव, लापता पिता पर शक, दिल्ली के केशवपुरम में हैरान करने वाली वारदात

बाहरी दिल्ली। केशवपुरम थाना क्षेत्र के रामपुरा में दो मासूम भाई-बहन की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। लड़की की उम्र 13 व लड़के की 11 वर्ष है। दोनों बच्चों के शव घर के ग्राउंड फ्लोर पर अपने पिता की परचून की दुकान में मिले। घटना के बाद से बच्चों का पिता गायब है।

बताया जाता है कि पिता दोपहर में दोनों बच्चों को स्कूल से लेकर आया था। शाम तक बच्चे घर नहीं पहुंचे तो बच्चों की मां परचून की दुकान पर पहुंची। दुकान का शटर खुलवाया तो दोनों बच्चे मृत अवस्था में पाए गए। पुलिस को अंदेशा है कि बच्चों की हत्या जहर देकर या गला घोंटकर की गई है।

दोनों बच्चे रोज की तरह गए थे स्कूल

बच्चों की हत्या के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। शनिृवार शाम 7:09 मिनट पर पुलिस को इस घटना की कॉल मिली। पुलिस केशवपुरम के रामपुरा स्थित सैनी वाली गली में पहुंची। दोनों भाई बहन दुकान के ऊपर बने मकान में अपने माता पिता के साथ रहते थे। दोनों बच्चे रोज की तरह स्कूल गए थे, आमतौर पर दोपहर दो बजे तक स्कूल से घर लौट आते थे।

शनिवार शाम तक बच्चे घर नहीं लौटे तो मां ने अपने पति को फोन लगाया।कई बार प्रयास के बाद भी पति से संपर्क नहीं हुआ तो वह ग्राउंड फ्लोर पर परचून की दुकान पर पहुंची।

दुकान का शटर बंद पाया, इसके बाद उसने अपने रिश्तेदार को बुलाकर शटर खुलवाया तो दोनों बच्चे बेसुध हाल में मिले। इसके बाद बच्चों को दीपचंद बंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद से बच्चों के पिता का कोई अता-पता नहीं है।पुलिस को शक है कि दोनों बच्चों की हत्या गला घोंटकर या फिर जहर देकर की गई है।

यह भी हो सकता है कि जहर देने के बाद गला घोंटा गया हो। मौत के सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएंगे। पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर हत्या का शक पिता पर जाहिर किया है।वैसे पुलिस अन्य सभी पहलुओं और शंकाओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।

इंजीनियर है बच्चों का पिता

बच्चों का पिता बीटेक पास है और पिता के अस्वस्थ्य होने के बाद परचून की दुकान संभाल रहा है दोनों बच्चे त्रिनगर में स्कूल में पढ़ते थे। बताया जाता है कि बच्चों को स्कूल से आमतौर पर उनका पिता ही लेकर आता था। स्कूल से आने के बाद दोनों बच्चे अक्सर कुछ समय तक दुकान में ही रुकते थे, फिर ऊपरी मंजिल स्थित घर जाते थे।

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