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अरविंद केजरीवाल को एक दिन में ED के दो समन, पहला आबकारी नीति घोटाले से जुड़ा तो दूसरा…

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी ने केजरीवाल को पहली बार एक साथ दो समन भेजे हैं। इसमें जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को पहली बार समन भेज कर तलब किया है। उन्हें पूछताल के लिए 18 मार्च को बुलाया गया है। वहीं, आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री को नौवां समन भेजा गया है, इस मामले में उन्हें 21 मार्च को तलब किया गया है।

केजरीवाल आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, एक ताजा घटनाक्रम में उन्हें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से जुड़े धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान देने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित कार्यालय में बुलाया गया है।

ईडी ने जल बोर्ड मामले में किया ये दावा

ईडी ने दावा किया है कि डीजेबी द्वारा अनुबंध में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन को कथित तौर पर दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आप को चुनावी फंड के रूप में भेजा गया था। फरवरी में ईडी ने इस जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक, आप के एक राज्यसभा सदस्य, एक पूर्व डीजेबी सदस्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य के आवासों पर छापेमारी की थी।

सीबीआई की FIR पर आधार मामला

जानकारों का कहना है कि ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें डीजेबी अनुबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी से 38 करोड़ रुपये की राशि के लिए लिए जाने की बात कही गई है। आरोप है कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती है फिर भी इसे अनियमितता कर काम दिया गया।

गिरफ्तार लोगों ने किए ये खुलासे

सूत्रों का दावा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने अनुबंध से जुड़े व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, उनका आरोप है कि अनुबंध देने में रिश्वत शामिल थी और बाद में इन फंडों का इस्तेमाल अवैध उद्देश्यों के लिए किया गया था, जिसमें आप के लिए चुनाव फंड भी शामिल था। इस मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किए गए लोगों में डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल शामिल थे।

जाली दस्तावेज हासिल कर बोली हासिल की

ईडी ने दावा किया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने जाली दस्तावेज जमा करके बोली हासिल की और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता पूरी नहीं करती है। ईडी ने आरोप लगाया कि डीजेबी ने अनुबंध से संबंधित रिश्वत लेने के लिए ठेकेदारों से मिलने वाली राशि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था, अनुबंध मूल्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अवैध गतिविधियों के लिए फर्जी खर्चों के माध्यम से निकाला गया था।

वहीं आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री को नौवां समन भेजा गया है, इस मामले में उन्हें 21 मार्च को तलब किया गया है। इस मामले में भी आप पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। ईडी ने दावा किया है कि 2021-22 की आबकारी नीति से प्राप्त धन का इस्तेमाल पार्टी द्वारा गोवा विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए किया गया था।

बता दें कि ईडी इससे पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल को 8 बार समन जारी कर चुकी है, लेकिन वह सभी समन को गैरकानूनी बताते हुए पेश होने से इनकार कर चुके हैं। ईडी ने केजरीवाल को पहला समन गत दो नवंबर, 21 नवंबर, तीन जनवरी, 18 जनवरी, दो फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और चार मार्च को भेजा था।

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