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त्योहारों से पहले आम लोगों को खुशखबरी, सस्ते होने वाले हैं घी और मक्खन!

नई दिल्‍ली. दूध और दही सहित सभी डेयरी उत्‍पादों की कीमतें बढ़ने के बाद घी और मक्‍खन के दाम भी आसमान छूने लगे हैं. सरकार जल्‍द इन दोनों उत्‍पादों के दाम घटाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि घी और मक्‍खन पर जीएसटी (GST) की दर करीब 7 फीसदी घटाई जा सकती है. इसके बाद दोनों उत्‍पादों के दाम कम हो जाएंगे.

लाइवमिंट के अनुसार, सरकार घी और मक्‍खन पर लगने वाले मौजूदा 12 फीसदी जीसटी को घटाकर 5 फीसदी कर दिया जाएगा. इससे कीमतों में करीब 4 फीसदी की गिरावट आ सकती है. यह फैसला 2023 में अब तक दूध के दाम 10 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ने के बाद उठाए गए हैं. दूध के दाम बीते 3 साल में 21.9 फीसदी बढ़ चुके हैं. यह बढ़ोतरी पशुओं के चारे की कीमतों में लगातार उछाल के बाद आई थी और इसका असर घी व मक्‍खन की कीमतों पर भी पड़ रहा है.

फिटमेंट कमेटी को भेजा प्रस्‍ताव

घी और मक्‍खन के दाम घटाने का प्रस्‍ताव पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने वित्‍त मंत्रालय को भेजा है. साथ ही जीएसटी फिटमेंट कमेटी को भी इसका प्रस्‍ताव दिया है, जो जीएसटी परिषद के साथ बातचीत कर इस पर विचार करेगी. अपने प्रस्‍ताव में डेयरी विभाग ने कहा है कि अगर आप घी को लग्‍जरी प्रोडक्‍ट की कैटेगरी में रखते हैं और इस पर 12 फीसदी जीएसटी स्‍लैब लगाते हैं तो इसका नुकसान उपभोक्‍ताओं के साथ किसानों को भी होगा.

विदेश से आए तेल पर कम जीएसटी क्‍यों

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्‍यक्ष रुपिंदर सिंह सोढ़ी का कहना है कि भारत में खाद्य तेल की 70 फीसदी जरूरतें आयात के जरिये पूरी होती हैं. पाम तेल जैसे उत्‍पादों पर तो 5 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है. फिर अपने ही घर में बनाए गए उत्‍पादों पर इससे दोगुना टैक्‍स क्‍यों वसूला जाता है. बेहतर होगा कि पशुपालन विभाग के प्रस्‍ताव पर वित्‍त मंत्रालय विचार करे.

किसान सस्‍ता दूध बेचकर महंगा घी क्‍यों खरीदें

सोढ़ी ने बताया कि घी पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का मतलब है प्रति किलोग्राम पर 70 रुपये की बढ़ोतरी. एक किलो घी बनाने में 12 से 14 लीटर दूध लगता है. इससे किसानों को 5 से 6 रुपये ज्‍यादा कमाने का मौका तो मिलता है, लेकिन बाद में उन्‍हें 12 फीसदी जीएसटी की वजह से महंगा घी खरीदना पड़ता है. इस तरह देखा जाए तो सरकार न सिर्फ उपभोक्‍ताओं पर टैक्‍स लगा रही, बल्कि किसानों पर भी इसका असर पड़ता है.

पहले भी भेजा था प्रस्‍ताव

जीएसटी परिषद को पिछले साल भी पैकेज्‍ड मिल्‍क प्रोडक्‍ट जैसे पनीर, कर्ड, लस्‍सी और छाछ पर 5 फीसदी टैक्‍स लगाने का प्रस्‍ताव भेजा था. अभी इस पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जा रहा है. सोढ़ी का कहना है कि घी और बटर पर कुकिंग ऑयल जितना ही जीएसटी लगना चाहिए, जो 5 फीसदी है. इससे किसानों को अपने उत्‍पादों का सही मोल मिल सकेगा. इसका फायदा न सिर्फ किसानों को मिलेगा, बल्कि इससे महंगाई पर लगाम कसने में भी मदद मिलेगी.

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