उत्तर प्रदेश

UP में निवेश की बड़ी लकीर खींचने में कामयाब दिखे योगी, विरोधियों को करारा जवाब देने की तैयारी में

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UPGIS) के जरिए देश-दुनिया से यूपी में 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हासिल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश में कहीं बड़ी लकीर खींचने में कामयाब दिख रहे हैं। किसी भी दूसरे प्रदेश में निवेश के आए प्रस्तावों का रिकार्ड तोड़ योगी ने दिखा दिया कि असीम संभावनाओं का उत्तर प्रदेश नए भारत का ग्रोथ इंजन बनने में पूरी तरह सक्षम है।

योगी सरकार ने रखा था 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य

निवेश के लिहाज से यूपी, देश में उत्तम निवेश का प्रदेश बनने की राह पर है। वैसे तो राज्य में पहली बार आयोजित तीन दिवसीय जीआइएस के माध्यम से सरकार ने पहले-पहल 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा था लेकिन वैश्विक निवेशक महाकुंभ में देश-दुनिया के निवेशकों ने रिकार्ड 33.50 लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। गौर करने की बात यह है कि चाहे वाइब्रेंट गुजरात समिट रही हो या फिर पिछले माह मध्य प्रदेश में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, कहीं भी इससे आधे के भी निवेश प्रस्ताव नहीं आए।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था वन ट्रिलियन डालर पहुंचाने पर फोकस

यूपी की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर बनाने के संकल्प के मद्देनजर सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की जबरदस्त तैयारी की। मुख्यमंत्री ने खुद कमान संभालने के साथ ही मंत्री से लेकर अफसरों तक को समिट की सफलता के लिए देश-दुनिया में भेजा। छह वर्षों के कार्यकाल के दौरान खराब कानून व्यवस्था और बीमारू राज्य कहलाने वाले यूपी की मोदी के मूलमंत्र रिफार्म, परफार्म, ट्रांसफार्म को आत्मसात कर छवि बदली और दूरदर्शितापूर्ण नीतियों को लागू कर उद्यमियों को हर तरह की सहूलियत और उनकी व उनके निवेश की शत-प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी दी।

भाजपा भी समिट के सफल आयोजन से चुनाव में विरोधियों को करारा जवाब देने की तैयारी में

इससे राज्य के प्रति निवेशकों का नजरिया बदला और देश-दुनिया के निवेशक प्रदेश में निवेश के प्रति उत्साह दिखाते हुए दौड़े चले आए। 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य की दूसरी बार सत्ता संभालने के 11 माह बाद ही आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-दुनिया के निवेशकों से रिकार्ड 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हासिल कर योगी यह साबित करने में कामयाब होते दिख रहे कि उनके नेतृत्व में यूपी, नए भारत के ग्रोथ को गति देने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि सभी 80 लोकसभा सीटों पर निगाहें गड़ाए भाजपा भी समिट के सफल आयोजन से अगले वर्ष होने वाले चुनाव में विरोधियों को करारा जवाब देकर सियासत की बड़ी लकीर खींचने की कोशिश करेगी।

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