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कॉलेज की मॉर्निंग असेंबली में न आना छात्रों को पड़ा भारी, 100 से अधिक स्टूडेंट सस्पेंड; परीक्षा से भी वंचित

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज के छात्र को मार्निंग असेंबली में न आना भारी पड़ गया है। कॉलेज के 100 से अधिक छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है। यहीं नहीं छात्रों के सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा से भी वंचित कर दिया गया है।

प्रिंसिपल ने नहीं दी प्रतिक्रिया

सोमवार को कॉलेज के प्रिंसिपल जॉन वर्गीज को फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों को द्वारा भेजे गए ईमेल के मुताबिक, मॉर्निंग असेंबली में अनुपस्थित रहने के चलते उन्हें सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित कर दिया गया है। हालांकि, इस संबंध में प्रिंसिपल की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

प्रिंसिपल वर्गीज को लिखे ईमेल में छात्रों ने कहा कि हम आपको 17 फरवरी 2024 को सेंट स्टीफंस कॉलेज के फर्स्ट ईयर के 100 से अधिक छात्रों के बारे में लिखे रहे हैं, जिनकों सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।

सस्पेंड करने का ये कारण

इसके पीछे का कारण बताया कि पहले वर्ष के छात्र की जनवरी महीने में मॉर्निंग असेंबली में उपस्थित कम थी। छात्रों ने आगे ईमेल में कहा कि उनके माता-पिता दिल्ली-एनसीआर में नहीं रहते हैं, ऐसे में कई लोगों के लिए अपॉइंटमेंट तय करना संभव नहीं था। आर्थिक समस्या जैसी दिक्कतों के कारण इतने कम समय में दिल्ली आ पाना संभव नहीं था।

छात्रों के माता-पिता और अभिभावकों को भेजे गए एक ईमेल में बताया गया है कि उनके बच्चों को दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा से रोक दिया गया है, जिसे प्रिंसिपल के निजी सचिव ने लिखा था। छात्रों के माता-पिता और अभिभावकों को भेजे गए ईमेल के अनुसार, अफसोस की बात है कि अनुरोध का अनुपालन न करने के कारण, मैं आपको सूचित करता हूं कि निलंबन के परिणामस्वरूप छात्रों को आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अर्थशास्त्र विभाग के हेड ने दी प्रतिक्रिया

कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के हेड संजीव ग्रेवाल ने प्रिंसिपल को लिखे एक ईमेल में कहा कि मैं यह जानकर काफी हैरान हूं कि बड़ी संख्या में छात्रों को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है और धमकी दी गई है कि परीक्षाओं में बैठने नहीं दिया जाएगा।

संजीव ने आगे कहा कि मेरी राय में छात्रों को विश्वविद्यालय के नियमों और विनियमों में स्पष्ट रूप से बताए गए आधार पर ही परीक्षाओं में बैठने से रोका जा सकता है, जहां तक मेरी जानकारी है, कॉलेज की मॉर्निंग असेंबली में उपस्थिति की कमी छात्रों को परीक्षाओं में बैठने से रोकने का आधार नहीं है।

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