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एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये हड़पकर लापता हो जाने वाले अंतर्राज्य गैंग के दो जालसाज गिरफ्तार

कब्जे से फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ रैंट एग्रीमैंट, आठ आधार कार्ड,नौ नये सिम कार्ड,चार चैक बुक,एक डैबिट कार्ड और एक मोबाईल फोन बरामद

नोएडा संवाददाता, थाना सेक्टर 126 पुलिस ने एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये हड़पकर लापता हो जाने वाले अंतर्राज्य गैंग के दो जालसाज अभियुक्तों दीपक कुमार पुत्र दिनेश प्रसाद निवासी भावानगर भगवानपुर थाना सदर जनपद मुजफ्फरपुर बिहार,हाल पता मकान नंबर 213 सैक्टर म्यू 2 थाना दादरी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार आहुजा पुत्र गुलाब चन्द्र आहुजा निवासी कटरा मोहल्ला थाना कोतवाली नगर जनपद बांदा हाल पता- राहुल यादव का किराये का मकान चोटपुर कालोनी थाना सैक्टर- 63 नोएडा को हाजीपुर अन्डरपास के पास से गिरफ्तार कर लिया।पकड़े गए अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ रैंट एग्रीमैंट,आठ आधार कार्ड,9 नये सिम कार्ड,चार चैक बुक, डेबिट कार्ड और एक एक मोबाईल फोन बरामद किया है। गौरतलब है कि 3 जनवरी 2023 को वादिया ने थाना सेक्टर 126 पर मुकदमा अपराध संख्या 03/23 धारा 420,406 भादवि बनाम राजेश कुमार उर्फ जय मेहता जिसका ऑफिस ट्रुथ एडवाइजर कैरियर कन्सलटेन्सी ए 14 ईको टावर प्रथम तल सैक्टर 125 नोएडा पंजीकृत कराया जिसमें वादियां ने राजेश उर्फ जय मेहता द्वारा उससे बीजीएस ग्लोवल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बैंगलूरु में एमबीबीएस के कोर्स में दाखिला दिलाने के नाम पर कुल 13,98,000 रुपये लेकर फोन स्वीच ऑफ कर अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गया है जिसकी विवेचना के आधार पर ज्ञात हुआ कि ट्रुथ एडवाइजर कैरियर कन्सलटेन्सी ए 14 ईको टावर प्रथम तल सैक्टर 125 नोएडा में अंतर्राज्यीय जालसाजी गैंग द्वारा संचालित की जा रही थी जिसका सरगना य़श चौवे है तथा जिसने अपने जय मेहता, यशवंत चौवे, य़श चतुर्वेदी आदि छदम नाम भी रख रखे हैं।इस गैंग के गिरफ्तार सदस्य दीपक का छदम नाम दीपेन्द्र भी है। इस गैंग द्वारा नीट की परीक्षा में असफल विधार्थियों की डिटेल नैट से निकालकर उनसे सम्पर्क कर उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर उनकी काउंसलिंग करते हैं। तथा किसी एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन दिलाने का आश्वासन देकर उन्हें आश्वासन वाले कॉलेज के पास बुलाकर किसी होटल में वहाँ पहले से मौजूद अपने गैंग के अन्य सदस्य से मिलवाकर जिसे उस कॉलेज का प्रशासनिक अधिकारी बताया जाता है और एडमिशन कराने के नाम पर पैसों की डीलिंग कर पैसे ले लेते हैं।यह गैंग एक असफल विधार्थी से सम्पर्क करने के लिए एक सिम का प्रयोग करते थे।यह गैंग अपने राज्य के कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 30-35 लाख रुपये तथा अन्य राज्य में एडमिशन के नाम पर 20-25 लाख रुपये बसूलते थे।इस गैंग के सरगना द्वारा एचडीएफसी, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई बैंक तथा इन्डूसिंड बैंक आदि बैंको में 13 खाते अपने व अपने सहयोगियों के नाम से संचालित होने का पता चला है जिनमें से पुलिस द्वारा कुल 2,80000 रुपये सीज कराये जा चुके हैं। यह गैंग 3-4 वर्षों से इस तरह की घटनायें कर रहा है। जो एक स्थान पर लगभग 1-2 माह संचालित होकर अपना ऑफिस खालीकर गायब हो जाता है। अभी तक मालवीये नगर ,कानपुर, लखनऊ, नोएडा आदि शहरों में इनके ऑफिस रहने का पता चला है। अभी तक इनके द्वारा की गयी घटनाओं से पीड़ित एक ही वादी का पता चला है इसके अलावा गुजरात, लखनऊ, राजस्थान, कानपुर आदि शहरो के नीट परीक्षा में असफल छात्रों से इनके द्वारा एडमिशन के नाम पर पैसे बसूलने की बात पता चली है।यह गैंग अपने ऑफिस में रिशेप्सन पर 15 दिन या एक माह से ज्यादा किसी कर्मचारी को नहीं रखते थे तथा कुछ की सैलरी दिये बिना ही ऑफिस खाली कर गायब हो जाते थे।गिरफ्तार अभियुक्तगण से बरामदगी व अबतक प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा उपरोक्त में धारा 467,467,471, 34 भादवि की वृद्धी की गयी है।इस गैंग के द्वारा अर्जित की गयी सम्पत्ति से एक अर्टिगा कार नम्बर UP14JT 6941भी बरामद की गयी है। अभियुक्तगण शातिर किस्म के जालसाज अपराधी हैं।जिनके विरुद्ध पुलिस ने आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।

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