नाबालिग बहनों से दुष्कर्म में दो सिपाही गिरफ्तार, दारोगा के खिलाफ गैर जमानती वारंट
हरदोई जनपद में दो नाबालिग दलित बहनों से दुराचार के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा एसपी राकेश द्विवेदी को फटकारे जाने के बाद पुलिस ने आरोपी दो सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को यह जानकारी दी गई। हालांकि, यह बात सामने आई कि घटना का अन्य अभियुक्त सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह पुलिस की पकड़ से बाहर है। उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। राज्य सरकार की ओर से दी गई इस जानकारी के बाद न्यायालय ने याचिका को उद्देश्यहीन मानते हुए निरस्त कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने पीडिताओं की मां की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया। याची की ओर से कहा गया था कि घटना 14 अप्रैल 2022 की है। आरोप है कि वादी का पति हरदोई के पिहानी थाना क्षेत्र में चौकी जहानीखेड़ा अंतर्गत किराए की जमीन पर ढाबा चलाता है। एफआईआर में कहा गया है कि संजय सिंह जहानीखेड़ा का चौकी इंचार्ज है, जबकि मनोज सिंह और प्रियांशु वहां सिपाही हैं। सभी ढाबे पर आते थे और वादी और उसकी बेटियों के साथ गंदी हरकत करते थे। आरोप है कि घटना वाले दिन तीनों अभियुक्तों ने ढाबे पर शराब परोसने के लिए नाबालिग बहनों को बुलाया, जिसका विरोध करने पर वादी को मारा-पीटा। साथ ही दोनों नाबालिग बहनों को ढाबे के पीछे उठाकर ले गए और दुराचार किया। यह भी आरोप है कि डीएम व एसपी से शिकायत करने के बाद भी घटना की एफआईआर नहीं दर्ज की गई। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
ये है मामला
याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त को हरदोई पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन पॉक्सो नहीं लगाया और काफी दिन बीत जाने के बावजूद अभियुक्त पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी नहीं हुई। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने एसपी और सीओ को तलब कर लिया। 15 नवम्बर को कोर्ट में हाजिर हुए एसपी व सीओ को न्यायालय ने फटकार लगाई। साथ ही एसपी को पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की अहमियत भी समझाई। शुक्रवार को पुनः सुनवाई के दौरान बताया गया कि दो अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर ली गई है।