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आतंकियों की अब खैर नहीं! कश्मीर में आतंकवाद के सफाए में शामिल होंगी CRPF की महिला जांबाज

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की महिला जवानों को भी भेजे जाने की तैयारी है। पैरामिलिट्री फोर्स के एक टॉप ऑफिसर ने बताया कि एनकाउंटर वाली जगहों पर तैनाती के लिए महिला कर्मियों को ट्रेनिंग देने पर विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के इतिहास में यह पहली बार होगा, जहां से आए दिन आतंकवादियों और सेना के जवानों के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती हैं।

CRPF इंस्पेक्टर जनरल (श्रीनगर सेक्टर) चारु सिन्हा ने बताया कि इस आइडिया पर फिलहाल बहस जारी है। उन्होंने कहा, ‘सिक्योरिटी फोर्स में पुरुषों का दबदबा है। हमने ऐसा देखा है कि घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन के दौरान महिलाएं असहज महसूस करती हैं। इससे पहले इस बारे में नहीं सोचा गया होगा लेकिन अब चीजें बदल रही हैं। इसलिए एक प्रयोग के तौर पर महिला जवानों की भागीदारी को बढ़ाने का विचार है।’

‘महिलाओं की संवेदना को नहीं पहुंचाना चाहते ठेस’

सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन के दौरान जब हम घरों के अंदर जाते हैं तो वहां कश्मीरी महिलाएं होती हैं… हमें लगता है कि ऐसे में पुरुष सुरक्षाकर्मियों को नहीं भेज सकते हैं। हम उनकी संवेदनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने सोचा कि इन परिस्थियों को हैंडल करने के लिए महिला जवानों का जाना सही तरीका होगा।

‘ऑपरेशन अब काफी चुस्त और तकनीकी रूप से बेहतर’

चारु सिन्हा ने बताया कि सीआरपीएफ आए दिन ही पुलिस और आर्मी के साथ घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन में शामिल होती है जहां अक्सर गोलीबारी भी होती है। सिन्हा ने कहा, ‘CRPF के ऑपरेशन अब काफी चुस्त और तकनीकी रूप से बेहतर हो गए हैं। हमने ट्रेनिंग पर बहुत फोकस किया है। अब हम अपनी महिला यूनिट पर जोर दे रहे हैं। आतंक-रोधी अभियानों के समय हरासमेंट के आरोप भी लगे हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि सर्च के दौरान महिलाएं सहज महसूस करें। हम स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। ऐसे मामलों में बात जब महिलाओं के साथ डील करने की हो तो उनका कम्फर्ट होना जरूरी है।’

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