छात्रा ने 23वीं मंजिल से छलांग लगाकर की आत्महत्या, जानिए पूरा मामला  - न्यूज़ इंडिया 9
अपराधग्रेटर नोएडा

छात्रा ने 23वीं मंजिल से छलांग लगाकर की आत्महत्या, जानिए पूरा मामला 

ग्रेटर नोएडा। जेएम फ्लोरेंस सोसाइटी में रहने वाली एक छात्रा ने पेपर खराब होने से परेशान होकर 23वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मृतका के घर से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने लिखा कि मां अच्छा नहीं कर सकी। बिसरख कोतवाली पुलिस शव का पोस्टमॉर्टम करा मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

संजीव लाइक परिवार के साथ जेएम फ्लोरेंस सोसाइटी में रहते हैं। उनकी पुत्री श्रीजनी लाइक (16) एस्टर स्कूल में 11वीं की छात्रा थी। सोमवार को छात्रा परीक्षा देकर लौटी थी। इसके बाद से वह गुमशुम थी। शाम करीब पांच बजे उसने फ्लैट की बालकनी से छलांग लगा दी। छात्रा के गिरने की जानकारी होने के बाद वहां मौजूद गार्डों ने इसकी जानकारी परिजन को दी। आनन-फानन परिजन छात्रा को इलाज के लिए ग्रेनो वेस्ट स्थित न्यूमेड अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। परिजन ने पुलिस को बताया कि छात्रा ने मां के नाम लिखा एक सुसाइड नोट छोड़ा है। जिसमें उसने लिखा (मां अच्छा नहीं कर सकी)। छात्रा के सुसाइड करने की बात से परिवार में मातम छाया है। जानकारी पर पता चला है कि छात्रा पूर्व में 11वीं कक्षा में फेल हो चुकी थी। इस बार भी पेपर खराब होने के कारण वह तनाव में थी। इसी कारण उसने आत्महत्या की है। एसीपी दीक्षा सिंह का कहना है कि एक सुसाइड नोट मिला है। मामले में कोई शिकायत नहीं है।

अभिभावक बच्चों पर दबाव डालने के बजाय उन्हें मानसिक रूप से सहारा दें
आईएमए नोएडा अध्यक्ष डॉ. सुनील अवाना का कहना है कि परीक्षा का दबाव, अच्छे अंक लाने की चिंता और भविष्य की अनिश्चितता बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है। तनाव को समय रहते समझकर उसका समाधान करना आवश्यक है, ताकि छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकें। एक्यूट डिप्रेशन के कारण छात्र तनाव में रहते हैं। एक्यूट डिप्रेशन अवसाद (डिप्रेशन) और इंपल्स कंट्रोल डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

इसे मेजर डिप्रेसिव एपिसोड का हिस्सा भी माना जा सकता है। अत्यधिक उदासी और निराशा, काम में मन न लगना और ऊर्जा की कमी, अचानक गुस्सा या चिड़चिड़ापन, आत्मसम्मान में कमी और बेकार महसूस करना इसके लक्षण हैं। जरूरी है कि मेडिटेशन, योग, और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं। रोजाना सात-आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें। परिवार, दोस्तों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से बात करें। अगर इंपल्स कंट्रोल डिसऑर्डर जीवन को प्रभावित कर रहा है, तो जल्द से जल्द मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना सबसे अच्छा होगा।

 

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