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सात हजार की नौकरी और बैंक खाते में 7 करोड़ का लेनदेन, इनकम टैक्स की नोटिस ने उड़ा दिए होश

चपरासी का प्रमोशन करने के नाम पर बैंककर्मियों सहित कुछ लोगों ने कई बैंकों में खाते खोलकर करोड़ों का लेनदेन कर डाला। आयकर विभाग ने चपरासी को नोटिस भेजा तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पीड़ित ने आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी लेकिन थाना पुलिस से लेकर आलाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। आखिर में पीड़ित ने कोर्ट की शरण लेकर आरोपितों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

बर्रा के जरौली फेज-1 निवासी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि ग्वालटोली के नवशील अपार्टमेंट निवासी नंदकिशोर श्रीवास्तव ने 2015 में शेयर का कारोबार करने वाली डेस्टीगनी कंपनी के कॉन चैंबर स्थित ऑफिस में उन्हें सात हजार रुपये महीने पर चपरासी रखवा दिया। कुछ समय बाद प्रमोशन के नाम पर नंदकिशोर ने पैनकार्ड बनवाकर वेतन खाते में आने की बात कही। हालांकि, एक साल बाद ही उसे नौकरी से निकाल दिया। संजय का कहना है कि 2017 में उसे आयकर विभाग की ओर से एक नोटिस मिला जिसमें उसके नाम पर बनाई गई कंपनी के नाम पर आंध्रा बैंक, यस बैंक और बंधन बैंक में खाते खोलकर कुल 7.80 करोड़ रुपये का लेनदेन करने की जानकारी थी। यह देखकर उसके होश उड़ गए। आरोप है कि नंदकिशोर ने अपने सहयोगी बैंककर्मी बृजेश कुमार और गौरव पांडेय व अन्य की मदद से उसके नाम पर शिवम कमोडिटीज नाम से कंपनी खोलकर ये लेनदेन किए थे।

संजय ने आयकर विभाग के अधिकारियों को सच्चाई बताई तो उन्होंने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। ग्वालटोली थाने के साथ ही तत्कालीन एसएसपी से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। ग्वालटोली इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर नंदकिशोर श्रीवास्तव, बैंककर्मी बृजेश कुमार और गौरव पांडेय समेत चार के खिलाफ धोखाधड़ी और षडयंत्र रचने की धाराओं में रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है।

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