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‘मुझे बचा लो, मैं मरना नहीं चाहता’ सतीश कौशिक के आखिरी शब्द सुन नम हो जाएंगी आंखें, बेटी की फिक्र में तोड़ा दम

एक्टर, कॉमेडियन और फिल्म मेकर सतीश कौशिक की यूं अचानक हुई मौत ने सबको हैरत में डाल दिया. फिल्म इंडस्ट्री से लेकर उनके फैंस के लिए ये स्वीकार कर पाना मुश्किल है. वहीं, इस गहरे सदमे से उनका परिवार उभर नहीं पा रहा है. सतीश कौशिक के अंतिम समय में उनका मैनेजर संतोष राय उनके साथ था. अब संतोष राय ने सतीश कौशिक के कुछ आखिरी पलों के बारे में बताया है.

संतोष राय ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात की है जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर उस रात क्या हुआ था. संतोष करीब बीते 34 सालों से सतीश कौशिक के साथ काम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि बुधवार की रात के खाने के तुरंत बाद उन्हें किसी भी तरह की असुविधा का अनुभव नहीं हुआ. रात करीब 8.30 बजे उन्होंने डिनर खत्म किया. हमें 9 मार्च को सुबह 8:50 बजे की फ्लाइट से मुंबई लौटना था. उन्होंने मुझे कहा, ‘संतोष, जल्दी सो जाओ, हमें सुबह की फ्लाइट पकड़नी है. मैंने कहा, ठीक है सर जी. मैं बगल वाले कमरे में सोने चला गया.”

कागज 2 देख रहे थे सतीश

उनके मैनेजर संतोष ने बताया, रात 11 बजे उन्होंने मुझे फोन किया. उन्होंने कहा, “संतोष, आ जाओ, मुझे अपना वाईफाई पासवर्ड ठीक करने की जरूरत है क्योंकि मैं एडिट के उद्देश्य से ‘कागज 2’ (कौशिक के निर्देशन में बनी फिल्म जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है) देखना चाहता हूं. उन्होंने रात 11:30 बजे फिल्म देखना शुरू किया और मैंने वापस अपने कमरे में चला गया.”

अचनाक सांस लेने में हुई तकलीफ

संतोष ने बताया, ”राज करीब 12:05 बजे उन्होंने जोर-जोर से मेरा नाम पुकारना शुरू कर दिया. मैं दौड़ता हुआ आया और उनसे पूछा, “क्या हुआ सर? क्यों चिल्ला रहे हो? इसके बजाय आपने मुझे फोन पर कॉल क्यों नहीं किया?” उन्होंने मुझसे कहा, “सुनो, मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. प्लीज मुझे डॉक्टर के पास ले चलो. हम तुरंत, वो और मैं कार की ओर गए और वह बैठ गए. इस दौरान उनके ड्राइवर और बॉडीगार्ड भी हमारे साथ थे.”

‘मैं मरना नहीं चाहता’

संतोष ने बताया कि जैसे ही हम अस्पताल की ओर निकले तो उनके सीने में दर्द बढ़ गया और उन्होंने कहा, ‘जल्दी चलो अस्पताल.’ फिर, उन्होंने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा और कहा, ‘संतोष, मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो.’ उन्होंने मुझे पकड़ा और कहा, ‘मुझे वंशिका के लिए जीना है. मुझे लगता है मैं नहीं बचूंगा. शशि और वंशिका का ख्याल रखना.’ हम आठ मिनट में अस्पताल (फोर्टिस अस्पताल) पहुंच गए क्योंकि शायद होली की वजह से सड़क खाली थी, लेकिन जब तक हम हॉस्पिटल अंदर हुए वह बेहोश हो चुके थे.”

बता दें कि 8 और 9 मार्च की दरमियानी रात को सतीश कौशिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 9 मार्च को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके परिवार में उनकी पत्नी शशि और बेटी वंशिका बची हैं.

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