अभिभावकों ने स्कूलों की मनमानी फीस भरने के लिए “बूट पोलिश” करने को मजबूर
महंगाई की वजह से रोजमर्रा के जरूरत के सामानों की बढ़ती कीमत ने सभी की कमर तोड़ रखा है, इसी के बीच स्कूलों की मनमानी और फीस रेगुलेशन एक्ट से हटकर फीस बढ़ाने से अभिभावकों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है। लोग दुविधा में है कि अपने घर का चूल्हा जलाएं या बच्चों के स्कूल की फीस दें। वहीं स्कूल फीस बढ़ाने संबंधित उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ भी अभिभावकों में काफी रोष है। नेफोवा और एनसीआर अभिभावक संघ के बैनर तले चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियर समेत अभिभावकों ने ग्रेनो वेस्ट में “बूट पॉलिश” कर विरोध प्रदर्शन किया, जमा किया गया चंदा जल्द ही डीएम को सौपेगे।
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि स्कूलों के मनमानी खत्म ही नहीं हो रही। कोरोना महामारी में जब कई राज्यों में निजी स्कूलों में स्कूल फीस माफ़ करने की घोषणा हुयी तो उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही घोषणा की अपेक्षा थी। लेकिन अंत में स्कूल माफियाओं की पहुँच आम जनता के दर्द के काफी ऊपर साबित हुआ और स्कूल फीस माफ़ी सपना ही रह गया। स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास चलने के बावजूद अभिभावकों से पूरी-पूरी फीस वसूली जबकि स्कूल का बाई-लॉज़ “नो प्रॉफिट, नो लॉस” की बात कहता है।
एनसीआर अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुखपाल सिंह तूर ने सरकार से सवाल किया कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी रही कि स्कूल माफियाओं के सामने घुटने टेक दिए? जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनाव के पहले घोषणा किया था कि स्कूल फीस इस साल नहीं बढ़ेगा फिर चुनाव खत्म होने के बाद फीस बढ़ाने का आदेश क्यों?
एनसीआर पैरेंट्स एसोसिएशन के महासचिव विकाश कटियार का कहना है कि कुछ स्कूलों ने बिल्डिंग फीस को भी ट्यूशन फीस में जोड़कर फीस में वृद्धि की है। रोज मर्रे की वस्तुएं पहले से महंगी हो चुकी है आम आदमी के घर का पूरा बजट बिगड़ चुका है और साथ में फीस वृद्धि से और कमर टूट जायेगी। स्कूल फीस एक्ट में कई अन्य प्रावधान भी है जैसे स्कूल के आय-व्यय का लेखा जोखा सार्वजानिक करना, शिक्षकों को दिए जाने वाले सैलरी का ब्यौरा साझा करना, इत्यादि लेकिन किसी भी नामी स्कूल ने ऐसा नहीं किया और नाही जिला प्रशासन ने स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही किया। उनकी माननीय मुख्यमंत्री योगी जी से अपील है की बड़ी हुई फीस वापस ली जाए और बच्चो को शिक्षा का अधिकार कम से कम फीस में मिलना चाहिए।
आज के प्रदर्शन में विकाश कटियार, सुखपाल सिंह, मनीष कुमार, अभिषेक कुमार, विजय श्रीवास्तव, रोहन भगत, डी के सिन्हा के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियर समेत सैकड़ो अभिभावकों ने इस सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और स्कूल फीस में कमी ना होने पर और भी बड़े आंदोलन करने की बात कही।