राष्ट्रीय

नेपाल के सम्मानित इतिहासकार ‘शताब्दी पुरुष‘ सत्य मोहन जोशी का 103 साल की उम्र में निधन

Satya Mohan Joshi Death: नेपाल के प्रसिद्ध इतिहासकार और सांस्कृतिक विद्वान सत्य मोहन जोशी (Satya Mohan Joshi) का रविवार (16 अक्टूबर) को निधन हो गया. सत्य मोहन 103 वर्ष के थे, जिन्हें शताब्दी पुरुष के रूप में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया था. डेंगू होने के बाद उनका किस्त मेडिकल कॉलेज एवं टीचिंग अस्पताल में इलाज चल रहा था. अस्पताल ने कुछ दिन पहले भी मेडिकल रिपोर्ट जारी कर बताया था कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर बनी हुई है.

सत्य मोहन जोशी उम्र से जुड़ी अन्य बीमारियों के अलावा हृदय और प्रोस्टेट की समस्याओं से भी पीड़ित थे. जोशी परिवार के एक करीबी दोस्त और लेखक नरेंद्र राज प्रसाई ने अस्पताल में अपने बेटे के हवाले से इतिहासकार की मौत की पुष्टि की है.  23 सितंबर से उनका प्रोस्टेट और हृदय संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था. बाद में उनकी स्थिति में सुधार नहीं होने पर उन्हें आईसीयू (ICU) में शिफ्ट करा दिया गया था.

बोलने में भी हो रही थी कठिनाई

अस्पताल के सूत्रों ने बताया था कि वह यूरिन इन्फेक्शन और निमोनिया से भी पीड़ित हैं और हाल ही में एक ब्लड टेस्ट से पता चला था कि उन्हें भी डेंगू है. अस्पताल के निदेशक डॉ सूरज बजराचार्य ने बताया था कि शुरुआती दिनों में उनकी सेहत में  सुधार हुआ था, लेकिन पिछले 3-4 दिनों में उनकी हालत खराब हो गई और उन्हें बोलने में कठिनाई हो रही थी.

अस्पताल में चल रहा था मुफ्त इलाज 

बता दें कि, अस्पताल उनका मुफ्क में इलाज कर रहा था. यह अस्पताल उनकी पत्नी समेत जोशी परिवार को मुफ्त नर्सिंग सेवाएं देता है. पिछले साल, जोशी दंपति ने मृत्यु के बाद उनके शरीर को रिसर्च के लिए अस्पताल को दान करने के लिए अस्पताल के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे.

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