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आचार संहिता के उल्लंघन में सांसद रीता बहुगुणा जोशी को 6 माह की सजा, यह था पूरा मामला

प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ की एक अदालत ने 6 महीने कारावास की सजा सुनाई है. साथ में जुर्माना भी लगाया है. उन्‍हें 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में दोषी पाया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने यह सजा सुनाई. हालांकि, सजा सुनाए जाने के कुछ ही देर बाद कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी.

उस वक्‍त जोशी कांग्रेस में थीं और लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से बतौर प्रत्याशी प्रचार कर रही थीं. अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि 17 फरवरी 2012 की शाम जब चुनाव प्रचार समाप्‍त हो गया था, उसके बाद भी रीता बहुगुणा जोशी जनसभा को संबोध‍ित कर रही थीं. विपक्षी दलों ने इसकी श‍िकायत की, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया. थाना कृष्णा नगर में स्टैटिक सर्विलांस मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई. सजा सुनाए जाने के वक्‍त सांसद रीता बहुगुणा जोशी कोर्ट में मौजूद थीं.

तुरंत हिरासत में ली गईं

20 फरवरी 2021 को जोशी के विरुद्ध अदालत ने आरोप तय किए थे. उन्‍हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-126 के तहत दोषी पाया गया. अदालत ने उन्‍हें छह महीने कारावास और एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत सौ रुपए का जुर्माना लगाया. इसके तुरंत बाद उन्‍हें ह‍िरासत में ले ल‍िया गया. बाद में उन्‍होंने जमानत के ल‍िए अर्जी दी, जिसे स्‍वीकार करते हुए अदालत ने 20 हजार रुपए के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया.

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