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भारत का विदेशी कर्ज 8.2 प्रतिशत बढ़कर हुआ 620.7 अरब डालर, घटकर 561 अरब डालर पर आया विदेशी मुद्रा भंडार

नयी दिल्ली: भारत का विदेशी ऋण मार्च, 2022 के अंत में एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया।

वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के इस बाह्य ऋण का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के रूप में है जबकि भारतीय रुपये के रूप में देय कर्ज 31.2 प्रतिशत है।

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत का बाह्य ऋण सतत-बेहतर तरीके से प्रबंधित बना हुआ है। मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार 620.7 अरब डॉलर था जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात के रूप में विदेशी ऋण 19.9 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार और बाह्य ऋण का अनुपात 97.8 प्रतिशत था।’’

हालांकि, बाह्य ऋण के अनुपात के तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का 97.8 प्रतिशत पर होना एक साल पहले के 100.6 प्रतिशत की तुलना में गिरावट को दर्शाता है।

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि देश का दीर्घावधि ऋण 499.1 अरब डॉलर का है जो कुल बाह्य ऋण का 80.4 प्रतिशत है जबकि 121.7 अरब डॉलर के साथ अल्पावधि ऋण की हिस्सेदारी 19.6 प्रतिशत है।

एक साल पहले की तुलना में सॉवरेन ऋण 17.1 प्रतिशत बढ़कर 130.7 अरब डॉलर हो गया जबकि गैर-सॉवरेन ऋण 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 490.0 अरब डॉलर रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों की जमा राशि दो प्रतिशत घटकर 139.0 अरब डॉलर रह गई जबकि वाणिज्यिक उधारी 5.7 प्रतिशत बढ़कर 209.71 अरब डॉलर और अल्पावधि का व्यापार ऋण 20.5 प्रतिशत बढ़कर 117.4 अरब डॉलर रहा।

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