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डॉ. प्रवीण तोगड़िया बोले- सरकार को हिंदुत्व की बात करने का नहीं अधिकार, तबलीगी जमात पर लगे प्रतिबंध

अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने हिंदू राष्ट्र की हुंकार भरी है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारत में भी तबलीगी जमात और दारुल उलूम देवबंद पर सरकार प्रतिबंध लगाए. यहां से संगठन समाज को गलत दिशा देने के काम कर रहे हैं. यह बातें तोगड़िया ने मंगलवार की शाम हरिद्वार के कनखल स्थित पुरुषोत्तम विहार में कार्यकर्ता सम्मेलन में मीडिया से बातचीत में कहीं हैं.

तोगड़िया ने इसके अलावा देश में जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की भी मांग की. उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार से यह भी कहा कि अगर कानून नहीं बना सकते तो फिर अपने आपको हिन्दुत्ववादी कहना बंद करें.

तोगड़िया ने कहा कि पहली बार भारत के अंदर हिंदुओं की संख्या तेजी के साथ घटना शुरू हो गई. 50 साल बाद भातर में हिंदू 50 करोड़ से भी नीचे पहुंच जाएंगे. इसलिए देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि या तो जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए, अन्यथा हिन्दुत्व की बात न करें.

तोगड़िया ने राहुल गांधी के बयान को लेकर कहा कि पहले देश में धर्मनिरपेक्ष बनाने की प्रतिस्पर्धा चल रही थी. लेकिन अब मैं भी हिंदू कहने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है. इससे लग रहा है कि हमारा 50 फीसदी लक्ष्य पूरा हो गया है.

उन्होंने कहा कि उनके विहिप छोड़ने के पीछे संघ के नेताओं का हाथ रहा है. तोगड़िया ने बीजेपी की राज्यों और केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब दूसरे धर्मों के धार्मिक स्थलों का अधिग्रहण नहीं होता है, तो हिंदुओं के मंदिरों का अधिकरण क्यों किया जाता है. उन्होंने कहा कि भोपाल में 2017 में संघ नेताओं ने उनको राम मंदिर के मुद्दे पर बात करने से रोका था. इसलिए मजबूरी में उनको विश्व हिंदू परिषद छोड़ना पड़ा. उन्होंने आगे कहा कि सरकार मठ, मंदिरों को कब्जा मुक्त करें. सरकार को मठ-मंदिरों का अधिग्रहण करने का कोई अधिकार नहीं है.

कौन है प्रवीण तोगड़िया?

डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया, विश्व हिंदू परिषद के नेता और हिंदू राष्ट्रवाद की वकालत करने वाले राष्ट्रवादी नेता हैं, गुजरात के अमरेली में जन्में तोगड़िया 10 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए थे. इन्होंने MBBS और MS भी किया है. 14 साल तक अहमदाबाद के धन्वंतरि हॉस्पिटल में बतौर एक सर्जन के रूप में काम भी किया है. बताया जाता है कि आरएसएस (1984) में अपने कार्यों के दौरान, वह नरेंद्र मोदी के सहयोगी हुआ करते थे. बाद में यह 1984 में अहमदाबाद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. मोदी और तोगड़िया किसी जमाने में एक दूसरे के कठिनाइयों में एक साथ रहा करते थे. हालांकि, अब तोगड़िया अपने बिचारों और कार्यों से हमेशा विवादों में रहते हैं.

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