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वित्त मंत्री सीतारमण ने पेट्रोल डीजल को लेकर दिया बड़ा बयान, जानिए सरकार की क्या है प्लानिंग?

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यूक्रेन संकट के कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता व्यक्त की। सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। भाजपा की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र में, उनसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव के बारे में पूछा गया।

मंत्री ने कहा, निश्चित रूप से इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। हम इसे एक चुनौती के रूप में लेने और प्रभाव को कम करने के लिए कितना तैयार होने जा रहे हैं, यह कुछ ऐसा है जो हम आगे (साथ) देखेंगे। भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है, इसपर उन्होंने कहा कि जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो यह चिंता का विषय है और अब हमें यह देखना होगा कि यह कैसे होता है। उन्होंने बताया कि तेल मार्केटिंग कंपनियां 15 दिनों के औसत के आधार पर पंप की कीमतें तय करती हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार यह देख रही है कि क्या कोई वैकल्पिक स्रोत है जहां से उसे कच्चा तेल मिल सकता है। उन्होंने कहा, इसका (कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर) असर पड़ेगा। हमने बजट में इसके लिए कुछ प्रावधान किए हैं। लेकिन यह प्रावधान केवल पहले प्रचलित कुछ औसत पर आधारित है। इसलिए, हमें यह देखना होगा कि हम कैसे कर सकते हैं इसका हल कैसे निकलेगा। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट मंगलवार को करीब 127 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर, उन्होंने कहा, यह पहले से ही (जीएसटी परिषद के सामने) है। पेट्रोल और डीजल पहले से ही जीएसटी (परिषद) में हैं।

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