दिल्ली/एनसीआरनोएडा

नोएडा में प्लास्टिक पर प्रतिबंध से पहले जागरूकता अभियान चलेगा

नोएडा। सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर अगले महीने से प्रतिबंध लगने से बढ़ते प्रदूषण से राहत मिलेगी। प्रदूषण विभाग और जिला उद्योग केंद्र ने सार्वजनिक नोटिस जारी करके सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन, भंडारण, वितरण और इस्तेमाल करने वाले लोगों के सचेत किया है। इसी कड़ी में 29 जून से तीन जुलाई तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की संशोधित अधिसूचना की जानकारी देते हुए कहा गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादक, आयात, संग्रहण, वितरण, परिवहन, बिक्री व प्रयोग पर एक जुलाई से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना है। इसमें थर्मोकोल के एसयूपी के उत्पादों पर भी पाबंदी रहेगी। ईयर-बड की प्लास्टिक डंडी, बैलून व बैलून की प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक झंडे, कैंडी व आईक्रीम की डंडी समेत थर्मोकोल के सजावट के सामान पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही एसयूपी में प्लास्टिक व थर्मोकोल की प्लेट, कप, गिलास, कांटा चम्मच, चम्मच, सिगरेट के पैकेट की पैकजिंग, सौ माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर इत्यादि पर भी पाबंदी रहेगी। प्रदूषण विभाग के अनुसार नोटिस की सूचना सभी औद्योगिक इकाइयों, संस्थान, दुकानदार, ई-कॉमर्स कंपनियां, मॉल, सिनेमा संचालक, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल व पर्याटन आदि को दे दी गई है। एक जुलाई से किसी तरह का बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। फिर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। जिले के प्राधिकरणों द्वारा जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग के सहयोग से जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। अभियान 29 जून से 3 जुलाई तक अभियान चलाया जाएगा। इसमें लोगों को बताया जाएगा कि किस तरह एसयूपी पर्यावरण और लोगों को नुकसान पहुंचा रही है।

उत्तर प्रदेश उद्योग युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष विकास जैन ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन पर्यावरण के लिए तो अच्छा कदम है। लेकिन इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। आजकल विकल्प के तौर पर स्टील, गिलास, सिरेमिक, बांस को अपनाया जा रहा है। फिलहाल बाजार में सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों की बात करें तो लंगर या परिवार के कार्यक्रम में यूज आने वाली प्लास्टिक की प्लेट का 50 का सेट 80 से 100 रुपये में मिल जाता है। लेकिन हार्ड कागज की 25 प्लेटों का सेट करीब 250 रुपये में पड़ता है। इसके अलावा गुब्बारों का फिलहाल कोई विकल्प मौजूद ही नहीं है।

—–

काफी गंभीर है एसयूपी की समस्या

पर्यावरणविद एसके मौर्य ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा उसे कहते हैं जिसका दोबारा इस्तेमाल करना व्यावहारिक नहीं है। यह कचरा लैंडफिल साइटों पर ही रह जाता है। स्टडी में पता चला है कि सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट में सबसे अधिक मात्रा शैंपू, बॉडी वॉश, पेन, पेट बॉटल, ट्यूब्स आदि की है। यह प्लास्टिक लैंडफिल साइट की मिट्टी और पानी आदि को प्रदूषित कर रही है।

—- वर्जन

नोटिस जारी करके सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, भंडारण, वितरण व प्रयोग करने वाले लोगों को सूचित कर दिया गया है। 30 जून तक लोग एसयूपी का प्रयोग पूरी तरह बंद कर लें। एक जुलाई से नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-प्रवीण कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, नोएडा प्रदूषण विभाग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights