Zomato ने किया करीब 3 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने का एलान, जानें इस फैसले के पीछे की वजह
जोमैटो ने इस हफ्ते एंप्लॉयीज को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया। जोमैटो ने खर्च में कमी (Cost Cutting) करने का प्लान बनाया है। कंपनी जल्द प्रॉफिट में आना चाहती है। हालांकि, अभी माहौल बहुत चैलेंजिंग बना हुआ है। जोमैटो में छंटनी के बारे में जानकारी रखने वाले लोगो ने बताया कि कम से कम 100 एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाया जा चुका है। इनमें प्रोडक्ट, टेक, कैटलॉग और मार्केटिंग जैसे फंक्शंस के एंप्लॉयीज शामिल हैं। अभी सप्लाई चेन से जुड़े एंप्लॉयीज पर छंटनी का असर नहीं पड़ा है। कंपनी ने अपने 4 फीसदी एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का प्लान बनाया है। पिछले कुछ समय से कई टेक कंपनियों (Tech Companies) ने खर्च घटाने और जल्द मुनाफा में आने पर फोकस बढ़ाया है।
जोमैटो के सीईओ ने दिए थे छंटनी के संकेत
एक सूत्र ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “ये एंप्लॉयीज जिस रोल में थे, अब उनकी जरूरत नहीं रह गई है। इनमें से ज्यादातर एंप्लॉयीज मिड से लेकर सीनियर रोल में थे।” एक दूसरे सूत्र ने कहा कि जोमैटो के सीईओ और फाउंडर Deepinder Goyal ने कुछ दिन पहले एक टाउनहॉल किया था। उन्होंने टाउनहॉल मीटिंग में बताया था कि कंपनी के कई सेक्शन में एंप्लॉयीज की छंटनी हो सकती है। ये ऐसे सेक्शन होंगे, जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है। सूत्रों ने बताया कि क्लाउड किचेंस से जुड़े कुछ अकाउंट मैनेजर्स को पहले ही हटाया जा चुका है।
कंपनी के प्रवक्ता ने दी यह सफाई
मनीकंट्रोल के सवाल के जवाब में जोमैटो के प्रवक्ता ने कहा, “प्रदर्शन के आधार पर करीब 3 फीसदी एंप्लॉयीज को हटाने की कवायद चलती रहती है। इसमें इससे ज्यााद कुछ भी नहीं है।” पिछले तीन हफ्तों में कंपनी में सीनियर लेवल के कई एंप्लॉयीज ने इस्तीफे दिए थे। उसके बाद बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का सिलसिला शुरू हुआ है।
फंडिंग में कमी आने से कई स्टार्टअप्स पर पड़ा असर
Zomato के को-फाउंडर मोहित गुप्ता, न्यू इनिशिएटिव हेड राहुल गंजू और इंटरसिटी हेड सिद्धार्थ झेवर पहले ही कंपनी छोड़कर जा चुके हैं। इससे कंपनी के सीनियर लेवल पर एंप्लॉयीज की स्टैलिबिलिटी सवालों के घेरे में आ गई है। हालांकि, पिछले कुछ समय से कई स्टार्टअप में एंप्लॉयीज की छंटनी हो रही है। बताया जाता है कि फंडिंग में दिक्कत की वजह से स्टार्टअप के पास खर्च घटाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
कंपनी ने किया था घाटे से बाहर आने का दावा
जोमैटो ने फूड डिलीवरी बिजनेस के सितंबर तिमाही में घाटे से बाहर आ जाने के दावा किया था। इसकी वजह यह है कि कंपनी ने इस सेगमेंट के लिए 2 करोड़ रुपये का एडजस्टेड एबिड्टा दर्ज किया था। कंपनी ने बताया है कि दूसरी तिमाही में उसके फूड बिजनेस की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू 3 फीसदी बढ़ी है। यह अनुमान के मुताबिक है, क्योंकि सितंबर तिमाही में रिटेल सेक्टर और ई-कॉमर्स सेगमेंट में डिमांड में नरमी दिखी थी। इसकी वजह इनफ्लेशन का बढ़ना था।