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ग्रीन हाइड्रोजन निर्माण के लिए 170 अरब रुपये देगी सरकार, इस क्‍लीन एनर्जी का वैश्विक हब बनेगा भारत

सरकार ग्रीन हाइड्रोजन पर ज्‍यादा फोकस बढ़ा रही है, जिस कारण प्रोत्‍साहन राशि देने की योजना भी तैयार किया गया है. एमएनआरई सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने बुधवार को कहा कि सरकार ने देश में इलेक्ट्रोलाइजर और ग्रीन हाइड्रोजन के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोत्साहन की योजना बनाई है. भल्‍ला ने कहा कि इलेक्ट्रोलाइजर के लिए प्रोत्साहन योजना के मसौदे और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर योजना को अंतिम रूप दिया गया है.

अधिकारी ने कहा कि इसे जल्‍द लागू किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि प्रोत्‍साहन एक योजना के तहत दिया जाएगा और इसका मसौदा तैयार किया गया है. इससे क्‍लीन एनर्जी की डिमांड बढ़ेगी. उन्‍होंने कहा कि गर्वनमेंट संबंधित मंत्रालय के साथ ग्रीन एनर्जी को प्रमोट करने के लिए काम कर रही है. इसके अलावा, मंत्रालय की ओर से इलेक्‍ट्रोलाइजर मैनुफैक्‍चरिंग और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्‍पादन के लिए प्रोत्‍साहन के प्रावधान पर भी काम किया जा रहा है.

जल्‍द किया जाएगा लागू 

एमएनआरई सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रोलाइजर मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए प्रोत्साहन योजना के मसौदे और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन योजना के हिस्से को अंतिम रूप दे दिया गया है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा. सरकार का कहना है कि ग्रीन हाइड्रोजन के उत्‍पादन से देश के इकनोमी को बढ़ावा मिलेगा और कई काम आसान हो जाएगा. साथ ऊर्जा संबंधी समस्‍याएं भी काफी कम हो जाएंगी.

किश्‍तों में जारी की जाएगी रकम 

हाइड्रोजन मिशन के तहत दिए जा रहे कुल प्रोत्साहन वर्ष 2030 तक 17,000 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसे किश्तों में जारी किया जाएगा, ताकि सरकार पहली किश्त से सीख ले और दूसरी किश्त विकसित करे. अधिकारी ने यह भी घोषणा की कि ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 5-7 जुलाई, 2023 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.

1,500 प्रतिनिधि लेंगे भाग 

एमएनआरई के संयुक्त सचिव अजय यादव ने कहा कि अगले महीने विज्ञान भवन में तीन दिवसीय सम्मेलन में लगभग 25 सत्र आयोजित किए जाएंगे. यह आयोजन ग्रीन हाइड्रोजन प्राइज चेन में उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए हितधारकों को एक साथ लाएगा. भारत में हाइड्रोजन के पहले सम्मेलन में भारत और विदेश से जापान, अमेरिका, यूरोपीय संघ जैसे विभिन्न देशों के लगभग 1,500 प्रतिनिधि भी भाग लेंगे.

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