देहरादून/दिल्ली. उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी राज्य में ब्रिटिश काल का ठप्पा हटाने का निर्णय लिया है. उन्होंने ऐसे शहरों, स्थानों के नाम बदलने की तैयारी कर ली है जो अंग्रेज अफसरों के नाम पर रखे गए हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मुगल काल के दौरान रखे गए कई शहरों के नाम बदल दिए हैं. योगी सरकार ने इन शहरों को उनकी पुरानी पहचान के आधार पर नाम दिए हैं. इसी राह पर चलते हुए अब धामी सरकार ने भी ब्रिटिश काल का ठप्पा लगे शहरों का नाम बदलने की घोषणा की है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने नई दिल्ली में न्यूज़ 18 से खास बातचीत करते हुए नाम बदलने का प्लान साझा किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा प्रधानमंत्री मोदी से मिली है. उन्होंने कहा कि गुलामी के प्रतीकों को हटाया जाएगा. ऐसे में राज्य में जो भी जगह ब्रिटिश काल और गुलामी के प्रतीक हैं या अंग्रेज अफसरों के नाम पर स्थानों के नाम हैं उन्हें बदला जाएगा.
लैंसडौन को जल्द मिलेगी पुरानी पहचान
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम फिर ‘कालौं का डांडा’ (काले बादलों से घिरा पहाड़) हो जाएगा. आपको बता दें कि पहले इसे ‘कालौं का डांडा’ ही कहा जाता था. 132 साल पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है. रक्षा मंत्रालय के आर्मी हेड कवार्टर ने सब एरिया उत्तराखंड से ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे नामों को बदलने के लिए प्रस्ताव मांगें हैं. स्थानीय लोग इसका नाम बदलने की मांग वर्षों से करते आए हैं.
चिंतन शिविर में रखेंगे उत्तराखंड की सुरक्षा की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सूरजकुंड में आयोजित गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में हिस्सा ले रहे हैं. इस दौरान उत्तराखंड के आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा को लेकर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पुलिसिंग व्यवस्था मजबूत की जाएगी. इसक लिए सरकार प्लान बना रही है. साथ ही सरकार राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा भी कर रही है.