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गूगल के इन 30 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट, पहले ही हो चुकी है 12 हजार लोगों की छंटनी

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की बढ़ती भूमिका की वजह से नौकरियों पर संकट आना शुरू हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल अपनी एड सेल्स यूनिट से 30 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। गूगल ने करीब एक साल पहले 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी। ऐसे में एक साल बाद ये कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

दरअसल, विभिन्न प्लेटफार्मों पर गूगल के एड परचेज मशीन-लर्निंग तकनीक पर आधारित हो गए हैं। इससे कर्मचारियों पर उसकी निर्भरता भी कम हो गई है। पिछले कुछ साल में गूगल ने नए विज्ञापनों को क्रिएट करने के लिए एआई-पावर्ड टूल पेश किए हैं। कहा जा रहा है कि ये टूल इसके एनुअल रेवेन्यू को भी बढ़ा रहे हैं। गूगल को इससे अरबों डॉलर का फायदा हो रहा है।

AI की मदद 

द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल की कस्टमर सेल्स यूनिट में जॉब डिस्प्लेसमेंट या फिर लेऑफ हो सकता है। कथित तौर पर डिपार्टमेंट वाइज गूगल Ads मीटिंग के दौरान कंपनी में कुछ रोल्स को ऑटोमेट करने का निर्णय लिया गया था।

मई में गूगल ने ‘न्यू ऐरा ऑफ एआई पावर्ड एड’ को अनवील किया था। जिसमें गूगल Ads में नेचुरल लैंग्वेज कंवर्सेशनल एक्सपीरियंस मिलता है। इस पहल का उद्देश्य वेबसाइटों को स्कैन करने के साथ ही ऑटोमेटिक रूप से कीवर्ड, हेडलाइन, डिस्क्रिप्शन, इमेज और अन्य एसेट्स के लिए AI की मदद लेना है।

एआई-टूल परफॉर्मेंस मैक्स कर रहा हेल्प

एडवर्टाइजर्स के लिए एआई-टूल परफॉर्मेंस मैक्स (पीमैक्स) काफी हिट है। इससे एड डिजाइन में किसी कर्मचारी की जरूरत नहीं पड़ती। कॉस्ट इफेक्टिव एआई टूल वेबसाइट स्कैन के आधार पर विज्ञापन कंटेट तैयार करता है।

जैसे-जैसे पीएमएक्स जैसे एआई टूल विज्ञापनदाताओं के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं, विज्ञापन डिजाइन और सेल्स में मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत भी कम होती जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल पहले तक लगभग 13,500 लोग सेल्स के लिए समर्पित थे।

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