उत्तराखंडराज्य

पीसीएस परीक्षा में होंगे बड़े बदलाव, अब सात से नौ हो जाएंगे पेपर, अंग्रेजी हो सकती है अनिवार्य

देहरादून : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) अब हर साल पीसीएस परीक्षाएं आयोजित करेगा. यदि सबकुछ ठीक रहा तो प्रदेश की पीसीएस परीक्षाओं में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा का पैटर्न नजर आएगा. इससे जुड़ा प्रस्ताव आयोग ने शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया है. उधर, शासन ने भी अगली पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार के मुताबिक पिछली पीसीएस मुख्य परीक्षा वर्ष 2017 में हुई थी.  अब पीसीएस मुख्य परीक्षा 2023 में हुई है. दो पीसीएस परीक्षाओं के बीच पांच साल का अंतर है. ऐसे में आयोग ने तय किया है कि अब दो पीसीएस परीक्षाओं के बीच इतना बड़ा अंतर नहीं होना चाहिए.  बल्कि पीसीएस-जे और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की भांति आयोग पीसीएस परीक्षाएं प्रति वर्ष आयोजित कराएगा. शासन स्तर से मंजूरी मिलने के बाद पीसीएस प्री परीक्षा जुलाई माह में प्रस्तावित है.

यूपीएससी का पैटर्न लागू होगा

छात्रों के हित में आयोग परीक्षाओं के पैटर्न में भी बड़ा बदलाव करेगा. दरअसल अभी उत्तराखंड पीसीएस (उत्तराखंड लोक सेवा आयोग) और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न अलग-अलग हैं. इससे स्टूडेंट को दोनों परीक्षाओं की अलग से तैयारी करनी पड़ती है. ऐसी चुनौती के समाधान के लिए आयोग राज्य पीसीएस परीक्षा में भी सिविल सेवा परीक्षा का पैटर्न लागू करेगा. बताया जा रहा है कि शासन से मंजूरी मिलने के बाद यह बदलाव पीसीएस-2023 परीक्षा से ही लागू हो जाएगा.

खाली पदों की जानकारी मांगी गई

पीसीएस परीक्षा हर साल कराने के फैसले के तहत शासन में कार्मिक विभाग भी सक्रिय हो गया है. विभाग द्वारा सभी विभागों को पत्र लिखकर पीसीएस पदों की वैकेंसी की डिटेल मांगी हैं. किस विभाग में कितने पद खाली हैं, इसकी जानकारी मिलने के बाद शासन स्तर से राज्य लोक सेवा आयोग को भर्तियों का प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिसके आधार पर आयोग विज्ञप्ति जारी करेगा.

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