…तो राष्ट्रपति ‘शी’ बन जाते विश्व में कोरोना के नए वैरिएंट, जानें- कैसे WHO ने ऐसा होने से रोका
दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले सामने आए कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को ओमीक्रोनन नाम दिया है. SARS-CoV-2 के वेरिएंट का नाम ग्रीक अल्फाबेट के नाम पर रखा गया है. लेकिन ओमीक्रॉन के नामकरण के लिए विशेषज्ञों ने दो अक्षरों Nu और Xi को छोड़ दिया और इसके बजाय Omicron को चुना. नए वेरिएंट की खबर सामने आते ही Nu सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी होने लगा. इस नए वेरिएंट के लिए Nu संभावित नाम के तौर पर देखा जा रहा था. दरअसल, वेरिएंट्स के नामों के लिए ग्रीक अल्फाबेट को चुना जा रहा है, इस तरह अगला शब्द Nu था.
हालांकि, WHO के पैनल ने शुक्रवार को बैठक की और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और बोत्सवाना (Botswana) में मिले वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया और कहा कि इसे अब ओमीक्रॉन वेरिएंट के तौर पर जाना जाएगा. इस तरह WHO ने Nu और Xi अक्षरों का इस्तेमाल नहीं किया. लेकिन ऐसा क्यों किया गया? हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर मार्टिन कुलडॉर्फ ने इसके लिए संभावित वजह बताई है. उन्होंने कहा, WHO ने दो अक्षरों को इसलिए छोड़ा और नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रॉन इसलिए रखा, ताकि कोरोना वेरिएंट को ‘शी’ वेरिएंट न कहना पड़े.
इसलिए वेरिएंट को नहीं दिया गया Nu और Xi नाम
विशेषज्ञों के मुताबिक, Nu (नू) अक्षर का इस्तेमाल इसिलए नहीं किया गया, क्यंकि ये अंग्रेजी अल्फाबेट के New शब्द जैसा सुनाई पड़ता है. इससे भ्रम की स्थिति पैदा होने का खतरा था. वहीं, नए वेरिएंट को Xi (शी) इसलिए नाम नहीं दिया गया, क्योंकि कहीं ये नाम चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के रेफरेंस में रूप में न देख लिया जाए. अगर वेरिएंट को शी नाम दिया जाता तो चीन आपत्ति भी जता सकता था, क्योंकि जिनपिंग के नाम में और वेरिएंट के नाम में समानताएं होती. गौरतलब है कि पहले ही चीन कोरोनावायरस के ऑरिजन को लेकर दुनियाभर में विवादों में घिरा हुआ है.
WHO के सूत्र से मिली ये जानकारी
टेलीग्राफ के वरिष्ठ संपादक पॉल नुकी ने WHO के एक सूत्र से एक हवाला देते हुए कहा कि Nu और Xi अक्षरों का इस्तेमाल जानबूझकर नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘New (हिंदी में जिसका मतलब नया होता है) शब्द के साथ भ्रम की स्थिति से बचने के लिए Nu अक्षर से बचा गया. Xi अक्षर को एक क्षेत्र को कलंकित करने से बचने के लिए छोड़ा गया.’ हालांकि, उन्होंने इस क्षेत्र का नाम नहीं बताया. हालांकि, उनके इस ट्वीट के जरिए ये बात स्पस्ट हो गई कि उनका इशारा चीन की ओर ही था.