उत्तर प्रदेशराज्य

बरेली का वो दस साल का हीरो, जिसने मालिक काे लौटा दिया पांच लाख रूपयों से भरा बैग

बरेली: आपकी ईमानदारी का पता तब चलता है जब आपको बेईमानी करने का मौका मिले, लेकिन आप अपने आदर्शों को वरिष्ठता देकर उसको नकार दें. ऐसा ही एक मामला बरेली में सामने आया है. यहां 10 साल के एक बच्चे को पांच लाख रुपयों से भरा एक बैग सड़क पर पड़ा मिला. उसने उस बैग को उसके मालिक तक पहुंचाने की कोशिश की. आखिरकार सफलता उसके हाथ आई. आज के दौर में जहां पैसों के लिए भाई-भाई की गर्दन काट देता है. ऐसे में छोटे से अब्दुल हन्नान ने ईमानदारी की एक नई नजीर पेश की है.

क्या है पूरा मामला?
मामला बरेली के कैंट थाना क्षेत्र के ठिरिया निजावत खाँ है. यहां अब्दुल हन्नान नाम के एक बच्चे को सड़क पर एक ₹500000 भरा बैग मिला. पहले तो उसने बैग उठाकर अपने पास रख लिया. जब बैग को खोलकर देखा तो उसमें नोट भरे हुए थे. उसने आस-पास के लोगों से यह जानने की कोशिश की, आखिर यह किसका बैग है. दूर-दूर तक कोई व्यक्ति उसकी नजर में नहीं आया. तब वह बैग उठाकर अपनी मां के पास ले गया.

मां ने दिखाई राह
अब्दुल हन्नान की मां तरन्नुम ने जब खोल कर देखा, तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं. उसके जेहन में सिर्फ वही आया जिसकी शिक्षा व अपने बच्चों को दिया करती थी. उसने यह जानने की कोशिश की, आखिर बैग उसके बेटे के पास कहां से आया. इसके बाद तरन्नुम ने उस बैग को उसके मालिक तक पहुंचाने का फैसला किया.

मस्जिद से कराया ऐलान
तरन्नुम ने बैग के मालिक तक पहुंचने के लिए दो मस्जिद का सहारा लिया. उसने बाकायदा मस्जिद में जाकर वहां के मौलवी से बैग के लिए ऐलान करवाया. मस्जिद का अलार्म सुनकर भीड़ इकट्ठा हो गई.

ऐलान सुनकर पहुंचा मालिक
तरन्नुम के मुताबिक, जब उसने मस्जिद में ऐलान करवाया तो वहां कई लोग पहुंचे. उनकी कोशिश ये थी कि बैग सही हाथों में पहुंचे. ऐलान सुनकर हैदर खान नाम का शख्स मस्जिद पहुंचा. हैदर ने बैग में रखी रकम को बिल्कुल सही बताया. इसके साथ ही बैग को लेकर भी सारी डिटेल सही बताई. ऐसे में मौलवी की रजामंदी के बाद बैग हैगर को सौंप दिया गया.

एक साल की फीस हुई माफ
घटना की जानकारी मिलने पर अब्दुल के स्कूल ने उसकी ईमानदारी पर फक्र जाहिर करते हुए 1 साल की फीस माफ करने का फैसला लिया. इसके साथ ही साबरी पब्लिक स्कूल ने उसके परिवार को अच्छी परवरिश के लिए सम्मानित भी किया गया.

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