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NSE की पूर्व चीफ और ‘हिमालय वाले योगी’ के मामले में जांच पर वित्तमंत्री ने कही यह बात

मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में हुई प्रशासनिक खामियों पर गौर कर रही है। हालांकि, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में पर्याप्त सुधारात्मक कदम उठाये गये हैं। बता दें कि इसी महीने बाजार नियामक सेबी ने NSE और उसके पूर्व प्रबंध निदेशकों (MDs) तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEOs) चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण तथा अन्य के खिलाफ विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया है। यह मामला समूह परिचालन अधिकारी और तत्कालीन प्रबंध निदेशक रामकृष्ण के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति से संबंधित है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, एनएसई, नारायण और सुब्रमण्यम पर दो-दो करोड़ रुपये और वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नरसिम्हन उस समय मुख्य नियामक अधिकारी और मुख्य अनुपालन अधिकारी थे। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार एनएसई में संचालन स्तर पर चूक मामले को देख रही है। उन्होंने कहा, “मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है कि क्या इसके लिये जिम्मेदार लोगों को दंडित करने या उनके खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में पर्याप्त सुधारात्मक कदम उठाये गये थे।”

सीतारमण ने कहा, ‘‘मेरे पास इस तरह या उस तरह से कोई विचार नहीं है जब तक कि मैं वास्तव में मेरे सामने उपलब्ध चीजों की तह तक नहीं पहुंच जाती। मैं इसे देख रही हूं लेकिन अभी इस बारे में टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं।’’ वित्त मंत्री से यह पूछा गया था कि क्या जो जुर्माने लगाये गये, वे पर्याप्त थे।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, चित्रा रामकृष्ण ने हिमालय में रहने वाले किसी योगी के प्रभाव में आकर आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया था। इसमें अन्यों की भागीदारी भी दी।

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