दिल्ली एनसीआर स्थित जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान में सामरिक सीरीज का आयोजन किया गया
दृढ़ इच्छाशक्ति सफलता की कुंजी : श्री अभयानंद जी पूर्व डीजीपी बिहार
जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान ( जीआईएमएस) ग्रेटर नोएडा मे सामरिक टॉक सीरीज का आयोजन किया गयाI श्री अभयानंद जी आईपीएस पूर्व डीजीपी बिहार, सामरिक टॉक सीरीज के मुख्य अतिथि रहेI सामरिक टॉक सीरीज का उद्देश्य छात्रों के समक्ष प्रशासन में कार्यरत रह चुके हस्तियों से साक्षात्कार एवं संवाद स्थापित करना और साथ ही साथ उनके कार्य अवधि के दौरान किस तरीके की कठिनाइयों चुनौतियों एवं परिस्थितियों का सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया , ऐसी परिस्थितियों को समझने के लिए ही आयोजन किया जाता हैI
इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन डॉ राजेश कुमार गुप्ता जी एवं वाइस चेयरमैन श्री गौरव गुप्ता जी ने आए हुए मुख्य अतिथि जी का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत कियाI एवं अपने विचार व्यक्त करते हुए चेयरमैन महोदय ने डीजीपी महोदय द्वारा किए गए अनेक सामाजिक एवं राष्ट्र हित में कार्यों को विस्तार से साझा किया जो अत्यंत ही प्रेरणादायक थीI संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश कुमार सिंह जी ने मुख्य अतिथि जी का अंग वस्त्र प्रदान करते हुए स्वागत एवं अभिनंदन कियाI साथ ही साथ यह धन्यवाद भी प्रेषित किया कि अपने अति व्यस्ततम दिनचर्या में से संस्थान एवं संस्थान में अध्ययनरत छात्रों के लिए जो उन्होंने अपने बहुमूल्य समय का योगदान दिया है उस की प्रतिपूर्ति किसी भी कार्य के द्वारा नहीं की जा सकती हैI धन्यवाद प्रेषित करते हुए उन्होंने भविष्य में भी छात्रों के मार्गदर्शन हेतु सर से अनुरोध किया कि वह समय अंतराल पर संस्थान में उपस्थित हो अपने आशीर्वचन प्रदान कर, भारत के भविष्य के निर्माण में सहयोग प्रदान करेंI
संस्थान के निदेशक डॉ भूपेंद्र कुमार जी ने अपने उद्बोधन मैं उनके प्रशासनिक सेवा के दौरान किन परिस्थितियों का सामंजस्य एक प्रशासनिक अधिकारी को बना के रखना पड़ता है इस पर विचार रखें और इस बात को प्रबल तरीके से छात्रों के समक्ष स्थापित करने का पूर्ण प्रयास किया कि किसी भी कार्य को अगर सुनियोजित तरीके से क्रियान्वित किया जाए तो वह हमेशा सफलता की ओर अग्रसर होता है I
अंत मैं मुख्य अतिथि श्री मान अभयानंद जी आईपीएस एवं पूर्व डीजीपी बिहार ने अपने विचारों को रखते हुए छात्रों के समक्ष प्रबंधन क्या है और प्रबंधन करना क्यों है पर विचार रखते हुए अपने उद्बोधन की शुरुआत कीi उसके पश्चात चुनौतियों को संभावनाओं में परिवर्तित करने की कला को सर्वप्रथम साझा कियाI अपने विचारों को व्यक्त करते हुए श्रीमान जी ने अपने जीवन परिचय एवं शिक्षा के दौरान, उसके तत्पश्चात प्रशासनिक सेवा में उनके द्वारा किए गए अनेकों प्रयासों एवं परिस्थितियों को किस प्रकार सकारात्मक तरीके से निष्पादन किया गया चारों के समक्ष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि किस तरीके से सेवा कार्य के दौरान विभिन्न परिस्थितियों एवं ऐसे अनेकों समय आए जिनमें निर्णय लेना, सहयोग की उपेक्षा रखना एवं नेतृत्व करने की क्षमता को अगर सही तरीके से सृजन किया गया तो वो जीवन निर्माण में सहायक होगाI उन्होंने छात्रों से सफल व्यक्तित्व के निर्माण हेतु अपना सर्वस्व प्रदान करने के लिए एवं उसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्थापित करने के लिए एक दृढ़ इच्छाशक्ति का होना परम आवश्यक है के विचार को रखाI इसके साथ ही उन्होंने सुपर 30 एवं उनके द्वारा किए गए ऐसे अनेकों सामाजिक स्तर पर कार्यों को जिसका समाज में उपस्थित एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करने में अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरणा को भी छात्रों के समक्ष रखाI
इस अवसर पर संस्थान के डीन एग्जामिनेशन डॉ निशांत कुमार सिंह जी ने स्वागत संबोधन के दौरान सभागार में उपस्थित समस्त अतिथियों का एवं संस्थान से जुड़े हुए विभिन्न पदाधिकारियों का स्वागत कियाI इसके साथ ही जीआईएमएस परिवार द्वारा समय अंतराल पर किए जा रहे विभिन्न शैक्षणिक, एवं सामाजिक कार्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा कीI कार्यक्रम के अंत में हेड सी आर सी मिस्टर डेमियन जीने धन्यवाद प्रेषित कियाI
मंच का संचालन पीजीडीएम प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा किया गयाI इस अवसर पर संस्थान के विभिन्न पदाधिकारी ग्रुप हेड आउटरीच श्री पंकज जी, डीन ओईसी प्रोफेसर मुदित तोमर, रीजनल हेड आउटरीच श्री अमित रंजन जी, आदि उपस्थित रहेI कार्यक्रम की व्यवस्थापक डॉक्टर इमाद अली एवं प्रोफेसर चारुल जी द्वारा किया गया, इसके साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान के समस्त शिक्षक बंधु भी सभागार में उपस्थित रहे और कर्तव्यनिष्ठा एवं कुशल नेतृत्व की भावनाओं से भरे हुए सुविचार सभा के साक्षी बनेI