अपराध

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का झांसा देकर कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर से ठगे 14 लाख रुपये 

उत्तर प्रदेश। साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का झांसा देकर एक कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर से 14 लाख रुपये ठग लिए। रकम मांगने पर ग्रुप बंद कर दिया। पीड़ित ने शेयर कंपनी के मुंबई स्थित आफिस जाकर पता किया। सामने आया कि आरोपियों ने कंपनी के नाम से व्हाट्स एप ग्रुप पर जानकारी देकर लोगों को फंसाया था। उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। 3 महीने से रकम वापसी के इंतजार में वो भटक रहे हैं।

फेसबुक फ्रेंड ने मैसेंजर पर भेजा था लिंक
आवास विकास कॉलोनी निवासी रोहित दीक्षित ने बताया कि वह एक कंपनी में सीनियर सेल्स मैनेजर हैं। जुलाई में फेसबुक फ्रेंड ने मैसेंजर पर उन्हें एक लिंक भेजा। इस पर क्लिक करने पर वो एक व्हाट्स एप ग्रुप से जुड़ गए। इसमें 100 से अधिक लोग पहले से जुड़े थे। ग्रुप में शेयर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी शेयर की जा रही थी। उन्हें भी इसमें पैसा लगाने पर अच्छा मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। वह ठगों के झांसे में आ गए। उन्होंने पहले 10 से 30 हजार रुपये लगाया। उन्हें रिटर्न मिलने लगा। बाद में उन्हें कई आईपीओ में रकम लगाने पर मुनाफे की बात कही गई। एक साफ्टवेयर लिंक में उनका मुनाफा भी दिखाया जाता था। इसमें कंपनी के शेयरों के नाम की जानकारी होती थी।

इसलिए कर बैठे विश्वास
वह आरोपियों के ग्रुप पर मिलने वाली जानकारी को ऑनलाइन भी खोजते थे। वह सही हुआ करती थी। इसलिए विश्वास कर लिए। ठगों ने अगस्त तक उनसे अलग-अलग खातों में 14 लाख रुपये जमा कराए लिया। इसका रिटर्न भी 90 लाख दिखाया। इसके बाद आरोपी एक अन्य शेयर में पाैने दो करोड़ रुपये के लाभ के लिए रकम की मांग करने लगे। इस पर उन्हें शक हो गया। इस पर वो कंपनी के पते की जानकारी करने के लिए पूछताछ किए।

साइबर सेल में की शिकायत
उन्हें कार्यालय मुंबई में होना बताया गया। वह कंपनी के काम से वहां गए थे। इस दाैरान बताए गए पते पर पहुंचे। वहां ऑफिस तो मिल गया। लेकिन जिन नामों से लोग मैसेज करते थे, उस नाम का कोई कर्मचारी कंपनी में नहीं मिला। इस पर कंपनी के लीगल आफिसर ने भी उनसे पूछताछ की। बाद में साइबर सेल में शिकायत करने की सलाह दी।

कर्ज लेकर दी थी रकम
रोहित ने बताया कि वह साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा चुके हैं। जो रकम लगाई थी, उसे एक फाइनेंस कंपनी से कर्ज पर लिया था। वहीं पत्नी के जेवरात भी बेचे थे। उनका सब कुछ साइबर अपराधियों ने ले लिया। तीन महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

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