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वन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी की हुई हत्या, गले में बंधा था बैग का फीता

देहरादून में वन विभाग से सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग का शव उनके निर्माणाधीन मकान में मिला। शव देखकर लग रहा है कि उनकी हत्या करीब दो दिन पहले की गई है। उनका गला बैग के फीते से घोटा गया था, जो गले में ही उलझा हुआ था। बुजुर्ग अपनी पत्नी से अलग रहते थे। बताया जा रहा है कि उनका अपने बड़े भाई से भी विवाद चल रहा था। पुलिस मामले में विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है। घटना डालनवाला थाना क्षेत्र के करनपुर मुख्य बाजार की है। यहां पर वन विभाग से सेवानिवृत्त सुरेंद्र जायसवाल (67 वर्ष) अपने मकान के ऊपरी तल पर कुछ दुकानें बनवा रहे थे। काफी दिनों से यहां पर निर्माण कार्य चल रहा था। शनिवार को अचानक सुबह के समय निर्माण करने वाला मिस्त्री हरी सिंह निवासी आंबेडकर कॉलोनी, आमवाला तरला करनपुर चौकी पहुंचता है। हरी सिंह ने बताया कि सुरेंद्र जायसवाल के मकान का मुख्य शटर आधा खुला था।

आसपास के लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि यहां दो दिनों से कोई आ जा नहीं रहा है। एक पड़ोसी ने अंदर झांककर देखा तो जायसवाल निर्माणाधीन हिस्से में अचेत अवस्था में पड़े थे। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि शव करीब दो दिन पुराना है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।

पुलिस के अनुसार वह अपने परिवार से अलग रहते थे। हत्या की सूचना देने वाले मिस्त्री से भी पूछताछ की जा रही है, उसने जो भी बताया है उसकी तस्दीक के लिए साथियों को मौके पर बुलाया गया है। साथ ही उनकी पत्नी, बेटियों और भाई से भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस इस मामले में संपत्ति विवाद को भी केंद्र में रखकर जांच कर रही है।

25 सालों से पत्नी से अलग रह रहे थे सुरेंद्र 
सुरेंद्र जायसवाल इस मकान में अकेले रहते थे। वह आसपास के लोगों से भी ज्यादा मतलब नहीं रखते थे। पुलिस के अनुसार उनकी पत्नी 25 सालों से अलग रह रही है। पत्नी के साथ उनकी बेटी भी रहती है। उनसे इस मकान में कोई मिलने जुलने नहीं आता था। यही कारण है कि इस मकान में हुई हलचल का किसी को पता नहीं चला।

चार साल पहले भाई से हुआ था विवाद 
सुरेंद जायसवाल के एक बड़े भाई भी हैं जो इसी शहर में रहते हैं। चौकी प्रभारी करनपुर नवनीत भंडारी ने बताया कि उनका अपने भाई से वर्ष 2018-19 में विवाद हुआ था। इसके बाद से वह अपने भाई से नहीं मिले थे। विवाद संपत्ति को लेकर हुआ था। यह सारी बातें मोर्चरी परिसर में पहुंचे उनके बड़े भाई ने ही पुलिस को बताई है। उनके भाई ने कहा कि सुरेंद्र ने ही उनसे न मिलने की बात कही थी।

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