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धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा रिजर्व बैंक, नई गाइडलाइंस हो सकती हैं जारी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) समय-समय पर अहम कदम उठाता रहता है. अब आरबीआई की ओर से धोखाधड़ी करने वालों के लिए सख्त कदम उठाया जा सकता है. आरबीआई कर्ज चूककर्ता को धोखाधड़ी करने वाला बताने के पहले प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए खातों के वर्गीकरण को लेकर जल्द ही संशोधित दिशानिर्देश लेकर आएगा. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर और बैंकिंग निगरानी के प्रमुख मुकेश जैन ने यह जानकारी दी.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप एक कर्जदार को धोखाधड़ी करने वाला घोषित करने के पहले प्राकृतिक न्याय का पालन करना होगा. जैन ने कहा, “हालांकि इस फैसले के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि धोखाधड़ी में लिप्त घोषित करने के पहले बैंकों के लिए चूककर्ता को व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर पक्ष रखने का मौका देने की जरूरत नहीं है.”

आरबीआई

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने गत 13 मई के अपने फैसले में कहा था कि व्यक्तिगत सुनवाई का मतलब चूककर्ता को अपना पक्ष रखने का समुचित समय देने से है. डिप्टी गवर्नर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए आरबीआई चूककर्ता को धोखाधड़ी में लिप्त घोषित करने से संबंधित दिशानिर्देश की संबंधित हितधारकों के साथ समीक्षा कर रहा है और बहुत जल्द नए दिशानिर्देश लेकर आएगा.

नए नियम

हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला रिजर्व बैंक से विनियमित होने वाली सभी वित्तीय इकाइयों के ऊपर लागू होता है. ऐसे में आरबीआई की ओर से जल्द ही इस पर नए नियम लाए जा सकते हैं, ताकी आम लोगों के हितों की भी रक्षा की जा सके.

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