बीहड़ के लालाराम गैंग का इनामी डकैत गिरफ्तार, 24 साल से चित्रकूट में साधु के वेश में छिपा था छेदा सिंह
डकैत लालाराम गैंग का मुख्य सदस्य और 50 हजार के इनामी को 24 साल बाद पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इतने सालों से फरार होने के बाद आरोपी डकैत चित्रकूट में संत-महात्माओं के साथ रह रहा था। शनिवार को अपने घर अयाना थाना क्षेत्र के गांव भासौन जाने पर मुखबिर की सूचना के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने आरोपी के पास से नाम बदलने के बाद बनवाए गए फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
अयाना थानाध्यक्ष जितेंद्र यादव ने टीम के साथ रविवार सुबह लालाराम गैंग के मुख्य सदस्य डकैत छेदा सिंह उर्फ छिद्दा को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। गिरफ्तार आरोपी डकैत छेदा सिंह पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। रविवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से बृजमोहन दास निवासी रघुराज नगर चित्रकूट के नाम के दस्तावेज बरामद किए हैं।
इस पर अधिक जानकारी देते हुए एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का असली नाम छेदा सिंह निवासी अयाना थाना क्षेत्र के गांव भसौन है। वह लालाराम गैंग का सक्रिय सदस्य था, जो 24 साल पहले फरार हो गया था। पुलिस को इसकी सक्रियता से तलाश थी। उसके खिलाफ मध्य प्रदेश के अलावा, जालौन, कानपुर देहात और औरैया में दर्जनों फिरौती और लूट की घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज हैं।
यही नहीं, आरोपी अस्ताकांड में फूलन देवी के साथ बैहमई कांड का बदला लेने के दौरान लालाराम का साथ देते हुए अस्ता में 12 लोगों को गोली का शिकार बनाने की घटना में शामिल था। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी छेदा सिंह ने बताया कि वह नाम बदलकर चित्रकूट में संत महात्माओं के साथ रहता था। जब गैंग समाप्त होने लगे, तो उसने खुद को मृत घोषित दिखाकर अपनी जमीन अपने भाई अजब सिंह के नाम करवा दी थी। इसके बाद क्षेत्र छोड़कर चित्रकूट में दूसरे नाम से आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाकर सन्यासी के रूप में रह रहा था।
वर्तमान में उसकी उम्र 69 साल है। शनिवार को वह अपने गांव भासौन परिजनों से मिलने आया था। तभी मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी पर अयाना थाना समेत आसपास के जिलों व मध्यप्रदेश में करीब 24 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम को 50 हजार की राशि से पुरस्कृत किया गया है।