घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में भारत के लिए डेब्यू किया। उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी का नमूना पेश किया। उन्होंने स्पिनर्स को सही तरीके से खेला और टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए। वह डेब्यू टेस्ट मैच में अर्धशतक लगाने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बने हैं। सरफराज ने अपनी बल्लेबाजी से दिखाया है कि टीम में उनका भविष्य उज्जवल है। 26 साल के इस खिलाड़ी ने अपने पिता के ‘माचो क्रिकेट क्लब’ में क्रिकेट कौशल को निखारा है। तीसरे टेस्ट मैच में सरफराज ने टॉम हार्टले, जो रूट और रेहान अहमद जैसे स्पिनरों के खिलाफ कमाल का प्रदर्शन किया।
हर दिन खेली इनती गेंदें
सरफराज खान की प्रगति को करीब से देखने वाले एक कोच ने कहा कि मुंबई में ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान पर हर दिन ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनरों की 500 गेंदें खेलने से ऐसा हो पाया। (कोविड) लॉकडाउन के दौरान उसने कार से 1600 किमी का सफर किया। मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून। उसने ऐसी जगहों पर खेला जहां गेंद बहुत अधिक टर्न करती है, कुछ गेंद काफी उछाल लेती हैं और कुछ नीची रहती हैं। स्पिनरों के खिलाफ आसानी से कदमों का इस्तेमाल करने वाले सरफराज ने अपने कौशल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की है।
सरफराज को तैयार करने का श्रेय हालांकि सिर्फ नौशाद को नहीं जाता। भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरूद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और भारत-ए के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन के पिता आरपी ईश्वरन ने भी सरफराज को निखारने में कुछ ना कुछ योगदान दिया है। इन सभी ने स्पिनरों के खिलाफ सरफराज के नेट सेशन का आयोजन किया विशेषकर कोविड लॉकडाउन के दौरान।
लॉकडाउन में कुलदीप यादव का किया था सामना
कपिल पांडे ने पीटीआई को बताया कि लॉकडाउन के दौरान नौशाद ने मुझे फोन किया क्योंकि हम दोनों आजमगढ़ के हैं और जब मैं भारतीय नौसेना का कर्मचारी था तो मुंबई में हमने क्लब क्रिकेट खेला है। इसलिए जब वह चाहता था कि उसके बेटे को प्रैक्टिस का मौका मिले तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने हमारी कानपुर एकेडमी में कुलदीप का काफी सामना किया। उन्होंने एक साथ काफी नेट सेशन किए।
शमी के कोच ने कही ये बात
कपिल पांडे ने कहा कि मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़े होने के कारण स्पिन के खिलाफ सरफराज का खेल परफेक्ट है और वह अपने कदमों का अच्छा इस्तेमाल करता है। मोहम्मद शमी के कोच बदरूद्दीन ने कहा कि हां, मैंने अहमदाबाद में उसकी ट्रेनिंग और नेट सेशन का इंतजाम किया। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिता और बेटे दोनों ने कड़ी मेहनत की है। मैंने हॉस्टल में उसके रुकने और कई मैच खेलने का इंतजाम किया।