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भारतीय जेल में चार साल से बंद महिला को पाक ने जारी किया नागरिकता सर्टीफिकेट, बेहद दर्दनाक है सुमायरा की कहानी

भारत की एक जेल में चार साल तक कैद रही सुमायरा आखिरकार अपनी छोटी बच्ची के साथ पाकिस्तान लौट पायेगी। पाकिस्तान सरकार ने सुमायरा का नागरिकता प्रमाणपत्र जारी कर दिया है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुमायरा का पाकिस्तानी नागरिकता वाला परिवार कतर में रहता था और वहीं उसकी शादी एक भारतीय नागरिक से हुई। सुमायरा का पति उसे बिना वीजा के भारत ले आया।

बाद में सुमायरा को गिरफ्तार कर लिया गया और तीन साल की कैद की सजा सुनायी गयी। जेल जाने के दो माह बाद सुमायरा ने एक बच्ची को जन्म दिया। सुमायरा जब जेल में बंद थी, तब ही उसके पति ने उसे छोड़ दिया था।

डॉन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जेल से रिहा होने के बाद सुमायरा अपनी बच्ची के साथ डिटेंशन सेंटर में रह रही थी।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने गुरुवार को घोषणा की कि उनके मंत्रालय ने बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में बंद सुमायरा की पाकिस्तानी नागरिकता का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। यह प्रमाणपत्र नेशनल डाटाबेस एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा उसके परिवार की नागरिकता की पुष्टि किये जाने के बाद जारी किया गया है।

शेख राशिद ने कहा कि यह प्रमाणपत्र विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है और भारत में पाकिस्तान उच्चायोग सुमायरा के लिए अन्य दस्तावेज जारी करेगा ताकि वह अपनी चार साल की बेटी के साथ पाकिस्तान लौट पाये।

पाकिस्तानी दैनिक के अनुसार, गत सोमवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज पार्टी के सांसद इरफान सिद्दकी ने पाक संसद में यह मामला उठाया था।

सिद्दकी का कहना है कि सुमायरा चार साल तक जेल में रही लेकिन उसकी मदद को कोई नहंी आया। बेंगलुरु के लोगों ने जेल से उसकी रिहाई के एक लाख रुपये का चंदा जमा किया लेकिन दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग सोया रहा।

सुमायरा की वकील शहाना बिस्व पटना ने कहा कि वह नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से गत छह माह से संपर्क करने की कोशिश कर रही थीं,ताकि सुमायरा की नागरिकता की पुष्टि की जा सके लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हो पाया।

बाद में पाकिस्तान में जब यह मुद्दा जोर शोर से उठा तब जाकर पाकिस्तान सरकार ने प्रमाणपत्र जारी किया।

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