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नोएडा की दवा कंपनी का लाइसेंस होगा सस्पेंड, मिलावटी था कफ सिरप, उज्बेकिस्तान ने लगाए थे गंभीर आरोप

नोएडा. उज्बेकिस्तान की सरकार द्वारा नोएडा की कफ सिरप कंपनी डॉक 1 मैक्स के सेवन से बच्चों की मौत के आरोप पर भारत सरकार ने कंपनी पर बड़ा एक्शन लिया है. केंद्र सरकार ने राज्य ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से मैरियन बायोटेक का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है. कंपनी का जल्द ही लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा. गौतमबुद्धनगर के ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि मैरियन बायोटेक से परीक्षण के लिए 36 सेंपल में से 22 सैंपल में एथिलीन ग्लाइकोल की मिलावट पाई गई थी. इसे गंभीर मानते हुए एक्शन लिया जा रहा है.

जांच के दौरान इससे पहले 9 जनवरी को कंपनी में दवाओं का उत्पादन बंद करा दिया गया था. इसके साथ ही 12 जनवरी को लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया था. बीते साल दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि नोएडा की कंपनी के कफ सिरप डॉक-1 मैक्स (Doc 1-Max) को लेकर शिकायतें आ रही हैं. इस कफ सिरप को पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है. उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने केंद्र सरकार को सतर्क किया था, जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की टीमें नोएडा स्थित कंपनी पहुंची थी और दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. कुल 36 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से 22 सैंपल में मिलावट पाई गई.

उत्तर प्रदेश ड्रग्स कंट्रोलिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने इस मामले पर कहा कि उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत का कारण बनने वाली कफ सिरप की आपूर्ति करने वाली फार्मा फर्म मैरियन बायोटेक को विदेशों से अपने उत्पादों को वापस लेने के लिए कहा जाएगा और इसके लिए अलर्ट जल्द ही जारी किया जा सकता है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार केंद्र सरकार ने मैरियन बायोटेक के विनिर्माण लाइसेंस को रद्द करने के लिए राज्य दवा प्राधिकरण को सिफारिश की है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उनके द्वारा निर्मित दो दवाओं पर मेडिकल अलर्ट जारी करने के बाद राज्य ड्रग्स कंट्रोलिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कंपनी के विनिर्माण लाइसेंस को पहले ही निलंबित कर दिया था.

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