बेहद अहम होगी जीएसटी परिषद की अगली बैठक, विमान ईंधन आ सकता है GST के दायरे में
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में केंद्र सरकार विमान ईंधन (एटीएफ) को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के मुद्दे पर चर्चा करेगी। साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन की बढ़ती कीमतें ‘चिंता’ का विषय हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों की राजस्व निर्भरता के कारण 1 जुलाई, 2017 को जब जीएसटी प्रणाली लागू की गई थी, तब कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। लेकिन, अब सीतारमण ने रविवार को उद्योग मंडल एसोचैम के साथ बजट के बाद चर्चा में कहा कि जीएसटी में एटीएफ को शामिल करने के संबंध में अंतिम निर्णय परिषद द्वारा लिया जाएगा, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के वित्त मंत्री शामिल होंगे।
“यह सिर्फ केंद्र के हाथ में नहीं है, इसे जीएसटी परिषद को भेजा जाएगा। अगली बार जब हम परिषद में मिलेंगे, तो मैं इसे चर्चा के लिए रखूंगा ताकि इस पर चर्चा हो सके।” परिषद की अगली बैठक फरवरी के अंत या मार्च में होने की संभावना है। वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन की बढ़ती कीमतें न केवल एयरलाइन के लिए बल्कि हम सभी के लिए चिंता का विषय हैं।
वित्त मंत्री ने स्पाइसजेट के संस्थापक अजय सिंह के विचारों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही, जिसमें सिंह ने एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का समर्थन मांगा था।
सिंह ने कहा था, “तेल 90 डॉलर पर पहुंच गया है, डॉलर के मुकाबले रुपया 75 के स्तर पर है, इसलिए नागरिक उड्डयन क्षेत्र बहुत प्रभावित हुआ है। आपका समर्थन (एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने के लिए) बहुत मदद करेगा।”
आपको बता दें कि वर्तमान में केंद्र सरकार एटीएफ पर उत्पाद शुल्क लगाती है जबकि राज्य सरकारें इस पर वैट लगाती हैं। तेल की बढ़ती कीमतों के कारण भी इन करों में वृद्धि की गई है।
तेल उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने से न केवल कंपनियों को इनपुट पर चुकाए जाने वाले कर को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि देश में ईंधन पर कराधान में एकरूपता भी आएगी।