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कोको द्वीप का सैन्यीकरण बना भारत के लिए चिंता? सैटेलाइट तस्वीरों ने चीन की नई चाल का किया खुलासा

भारत को घेरने के लिए चीन आए दिन कोई न कोई साजिश रच रहा है। फिर चाहें उसकी भारत के पड़ोसी देशों के साथ बढ़ती दोस्ती हो या फिर सैन्य गतिविधियां। उसकी हर चाल में साजिश की बू आती है। एक बार फिर चीन की ऐसी ही नापाक साजिश का खुलासा हुआ है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में पता चला है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से करीब 55 किलोमीटर दूर म्यांमार के कोको द्वीप पर सैन्य बेस का निर्माण जोरशोर से हो रहा है।

इन रिपोर्ट्स के सामने आते ही संदेह होने लगा है कि कहीं इस सैन्य बेस के पीछे चीन तो नहीं। दरअसल, कोको द्वीप को भारत हमेशा संदेह की दृष्टि से देखता है, क्योंकि चीन हमेशा म्यांमार के इस द्वीप का इस्तेमाल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को घेरने के लिए करता रहा है। म्यांमार के इस द्वीप पर सैन्य बेस के निर्माण की सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं।

भारत के लिए क्यों हो सकता है खतरा

मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी की गई ताजा तस्वीरों में कोको द्वीप पर सैन्य गतिविधियां देखी गई हैं। यहां नए सिरे से निर्माण भी होता दिखा है। इसमें 2300 मीटर लंबा नया रनवे भी शामिल है। जबकि, एक दशक पहले इस रनवे की लंबाई 1300 मीटर थी। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि म्यांमार अपने गुप्त समुद्री निगरानी अभियानों के लिए द्वीपों को तैयार कर रहा है, जिसमें चीनी मिलीभगत का संदेह जताया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर 200 इमारतों के निर्माण की भी खबरें हैं, जिन्हें म्यांमार के सैन्य कर्मियों के उपयोग में लाने जाने की बात कही जा रही है।

म्यांमार की चीन पर बढ़ रही निर्भरता

चीन के साथ म्यांमार की नजदीकी भारत के लिए चिंता का कारण बनती जा रही है। दरअसल, म्यांमार इन दिनों विद्रोह का दंश झेल रहा है। इस विद्रोह को दबाने के लिए वह चीन की मदद से रहा है और धीरे-धीरे उस पर निर्भर होता जा रहा है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे म्यांमार को चीन से मदद मिल रही है और इसके बदले वह म्यांमार को भारत के खिलाफ जासूसी के लिए तैयार कर रहा है।

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