400 करोड़ के लोन घोटाले में लोन माफिया लक्ष्य तंवर का कार्यालय सहायक गिरफ्तार
गाजियाबाद। 400 करोड़ रुपये के ऋण घोटाले के मामले में नगर कोतवाली पुलिस और एसआईटी ने सोमवार को ऋण माफिया लक्ष्य तंवर के सहयोगी निरंजन को गिरफ्तार कर लिया है। निरंजन लक्ष्य तंवर के लोहिया नगर स्थित कार्यालय पर चपरासी था और फर्जी रजिस्ट्री व ऋण कराने के दौरान गवाही देता था। नगर कोतवाली में लक्ष्य तंवर के साथी, बैंक अधिकारी समेत 10 लोगों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है।
एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि निरंजन नगर कोतवाली क्षेत्र के कल्लूपुरा में किराये के मकान में रह रहा था। मूलरूप से बिहार के बाका बिसनपुर साहबगंज का रहने वाला है। जांच में पता चला कि लक्ष्य दूसरों की संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनकी रजिस्ट्री या बैंक से लोन कराता था उसमें वह निरंजन को गवाह बनाता था। इसके लिए उसे मोटी रकम देता था। निरंजन लोगों को विश्वास में लेकर भी लक्ष्य से मिलवाता था।
लक्ष्य और उसके साथियों ने तुराब नगर की रहने वाली महेंद्री देवी से भी धोखाधड़ी करके उनके मकान को फर्जी तरीके से बेच दिया था और उस पर ऋण भी लिया। निरंजन मकान को बेचने में और बैंक से ऋण कराने में गवाह बना था।
लक्ष्य तंवर ने बैंकों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का लोन लेकर घोटाला किया था। उसने पीएनबी के प्रबंधक और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर लोगों को विश्वास में लेकर उनकी प्रॉपर्टी पर लोन लेता था। मामले में पुलिस ने लक्ष्य तंवर, उसके पिता, पत्नी की चार संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। साथ ही अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें लक्ष्य, अशोक, प्रियदर्शनी, रामनाथ मिश्रा, उत्कर्ष कुमार, वरुण त्यागी, शिवम, सुनील अरोड़ा, नरेश बग्गा, तुषार गोयल और सुमित कुमार शामिल हैं।
दो बैंक अधिकारी और चार इनामी अभी फरार
मामले में बैंक अधिकारी तारिक हुसैन और संजय अभी फरार हैं। पांच आरोपी दक्ष बग्गा, विशेष बहल, सूरज कालरा, राजरानी कालरा और सुनील कुमार पर पुलिस ने 15-15 हजार का इनाम घोषित किया था। इनमें से पुलिस सुनील को गिरफ्तार कर चुकी है। चार इनामी फरार चल रहे हैं।