जानिए एशिया के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की खासियतें
राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पहले चरण का काम तेजी से चल रहा है। जेवर एयरपोर्ट से सितंबर 2024 के अंत तक एक रनवे के साथ उड़ान सेवाएं शुरू हो सकती हैं। एयरपोर्ट के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेस वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और आसपास के सभी प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को जोड़ा जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर से अधिक भूमि में फैला हुआ है और इसका पहला चरण 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसकी क्षमता एक वर्ष में लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी। सभी चारों चरण पूरा होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी। शुरुआत में जेवर हवाअड्डे पर दो हवाई पट्टियां चालू होंगी। इस एयरपोर्ट के विकास का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को दिया गया है।
इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने के बाद उत्तर प्रदेश भारत का एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसके पास पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। उल्लेखनीय है कि अभी तमिलनाडु और केरल ही देश के ऐसे राज्य हैं, जहां 4-4 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। हाल ही में कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हुआ है। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम चल रहा है। यह एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर में बनने वाला दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। यह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भीड़ कम करने में मदद करेगा। आइए जानते हैं जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी खास बातें।
– जेवर एयरपोर्ट का निर्माण 5,845 हेक्टेयर जमीन पर हो रहा है।
– जेवर एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके बाद दिल्ली और एयरपोर्ट के बीच का सफर सिर्फ 21 मिनट का हो जायेगा।
– इस एयरपोर्ट की विशेषता यह है कि यहां के एक साथ करीब 178 विमान खड़े हो सकते हैं। जेवर एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण कार्य होगा। एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चार चरणों में पूरा होगा।
– जेवर एयरपोर्ट पर कुल 5 रनवे विकसित किए जाएंगे। शुरुआत में इस एयरपोर्ट से हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख यात्री हवाई उड़ान भरेंगे।
– अनुमान के मुताबिक, पहले ही साल से यहां करीब 40 लाख यात्रियों की आवाजाही हो सकती है।
– दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से जेवर एयरपोर्ट की दूरी करीब 70 किलोमीटर है। ऐसे में दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक को कम करने के लिए जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट काफी मददगार साबित हो सकता है।
– नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा। एयरपोर्ट के एक हिस्से को परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।