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जल्द ही कम हो सकती है महंगाई, सरकार और आरबीआई मिलकर उठा रहे हैं कदम

महंगाई की चिंता को लेकर हाल ही में रिजर्व बैंक ने एक ऑफ-साइकिल एमपीसी की बैठक की है और सरकार भी महंगाई के आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं. ऐसे में आज भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आरबीआई और सरकार दोनों मुद्रास्फीति की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं. वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत के समग्र वृहद-आर्थिक बुनियादी पहलू में लचीलापन बरकरार है और इसका फायदा देश को जरूर मिलेगा.

अक्टूबर में महंगाई दर 7 फीसदी से कम रहने की उम्मीद- आरबीआई गवर्नर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एक कार्यक्रम में कहा है कि अक्टूबर महीने में मुद्रास्फीति दर (महंगाई दर) के सात फीसदी से कम रहने की उम्मीद है. देश में महंगाई दर को दो से छह फीसदी के दायरे में रखने के लक्ष्य में बदलाव की चर्चाओं के बावजूद इस लक्ष्य में बदलाव की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है.

रिजर्व बैंक के सामने भी है चुनौती
शक्तिकांत दास ने ये भी कहा कि महंगाई के रूप में हमारे सामने बड़ी चुनौती है और अगर महंगाई दर लगातार तीन तिमाहियों तक 6 फीसदी के ऊपर रहती है तो इसे मौद्रिक नीति की विफलता माना जाता है. अगर लगातार तीन तिमाहियों तक ऐसा रहता है तो आरबीआई को सरकार को पत्र लिखकर ये बताना होता है कि कब महंगाई दर आरबीआई के तय लक्ष्य तक वापस आ पाएगी.

क्यों महंगाई दर का लक्ष्य तय किया गया
आरबीआई गवर्नर ने इस बात का उल्लेख किया कि महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी क्यों रखा गया इसके पीछे एक कारण है. आरबीआई की आंतरिक समिति ने एक विस्तृत एनालिसिस किया और पाया कि 4 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य जिसमें +-2 फीसदी का प्राइस बैंड रखा गया है वो उस समय के हिसाब से और यहां तक कि मौजूदा समय के हिसाब से भी भारत की विकास दर के साथ सामंजस्य बिठाती हुई दिखती है.

और क्या कहा शक्तिकांत दास ने
शक्तिकांत दास ने अक्टूबर माह के लिए महंगाई दर में कमी आने की इस उम्मीद के लिए सरकार और आरबीआई द्वारा पिछले छह-सात महीनों में उठाये गए उपायों को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि महंगाई दर को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने के लक्ष्य में बदलाव की आवश्यकता नहीं है क्योंकि छह फीसदी से अधिक की महंगाई दर आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करेगी.

सरकार ने आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को मुद्रास्फीति दर दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. दास ने कहा कि आरबीआई ने अपनी ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की है तथा सरकार ने आपूर्ति पक्ष से जुड़े कई कदम उठाए हैं.

सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.4 फीसदी हो गई जबकि अगस्त में यह सात फीसदी पर थी. खाद्य और ऊर्जा उत्पादों की कीमतों में तेजी के कारण इसमें बढ़ोतरी हुई थी. अक्टूबर महीने के महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे.

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