राष्ट्रीय

महंगाई पर अंकुश के लिए 20 लाख टन अतिरिक्त गेहूं बेचेगी सरकार, केंद्र ने खुले बाजार में बेचने की थी घोषणा

देश में महंगाई कम होने के बजाए धीरे- धीरे बढ़ती ही जा रही है. खास कर पिछले एक महीने के अंदर गेहूं के दाम में सबसे ज्यादा उछाल आया है. इससे आटा भी महंगा हो गया है. महंगाई का आलम यह है कि 25 से 30 रुपये किलो बिकने वाले आटे की कीमत अब 35 से 40 रुपये हो गई है. इससे आम जनता का बजट बिगड़ गया है. हालांकि, केंद्र सरकार गेहूं और आटे की बढ़ती कीमत पर ब्रेक लगाने के लिए काफी कोशिश कर रही है. वह खुले बाजार में खुद गेहूं की बिक्री कर रही है. इसके बावजूद भी कीमतों में सुधार होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.

इसी बीच खबर है कि गेहूं के दाम कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर से खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला लिया है. इस बार वह अतिरिक्त 20 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचेगी. इससे पहले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने 30 लाख टन गेहूं बेचने को हरी झंडी दी थी. यानी अब कुल 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचा जाएगा. जानकारी के मुताबिक, सरकार ने नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं का रिजर्व प्राइस भी 200 रुपये घटाया है. कहा जा रहा है कि सरकार, बुधवार से खुले बाजार में गेहूं की नीलामी करेगी.

11 लाख टन की नीलामी करेगा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एफसीआई की बिक्री के बाद गेहूं की कीमतों में काफी कमी आई है. अब तक करीब 13 टन गेहूं बाजार में बेचा जा चुका है. बुधवार को एफसीआई 11 लाख टन और नीलामी करेगा.

उपज भी प्रभावित नहीं होगी

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि अगले कुछ दिनों तक गर्मी में बढ़ोतरी होगी. इससे गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है. कृषि जानकारों का कहना था कि अचानक तापमान में बढ़ोतरी होने से गेहूं की पैदावार प्रभावित हो सकती है. यानी कि गेहूं के उत्पादन में कमी आएगी. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसी तरह तापमान बढ़ता रहा तो गेहूं के दाने सिकुड़ जाएंगे. इससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी. वहीं, मैसम विभाग ने किसानों को गर्मी से बचाव के लिए फसलों की सिंचाई करने की सलाह दी है. मैसम विभाग का कहना है कि सिंचाई करने से गेहूं की फसल पर गर्मी का असर नहीं पड़ेगा. ऐसे में उपज भी प्रभावित नहीं होगी.

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