किसानों को सस्ते ब्याज पर मिलता रहेगा कर्ज, लघु अवधि के लोन पर 1.5 फीसद की मिलेगी छूट
केंद्र सरकार ने सीमांत किसानों को बड़ी राहत देते हुए तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर 1.5 फीसदी ब्याज सहायता देने का फैसला किया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
इसके तहत कर्ज देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कंप्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए किसानों को दिए गए तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कर्ज के एवज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी। इसके लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी।
ब्याज सहायता में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बना रहेगा और साथ ही संस्थानों की वित्तीय सेहत और कर्ज को लेकर व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी। समय पर कर्ज भुगतान करने पर किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर लघु अवधि का ऋण मिलता रहेगा।
इसे ऐसे समझें
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2020 से पहले सरकार किसानों को दो फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान करती थी। लेकिन 2020 में ब्याज दरें सात फीसदी तक आ जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। क्योंकि सात फीसदी की दर पर बैंक सीधे किसानों को ऋण प्रदान कर रहे थे।
अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण फिर से इस प्रकार की सहायता की जरूरत महसूस की गई। इस फैसले से किसानों को सात फीसदी की दर पर पहले की भांति बैंक ऋण देंगे और शेष डेढ़ फीसदी ब्याज का भुगतान सरकार सीधे बैंकों को करेगी।