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बहुमुखी प्रतिभा की धनी क्लासिकल सिंगर डॉ. प्रभा अत्रे का 92 साल की उम्र में निधन, भारत सरकार की ओर से कई बार की जा चुकी हैं सम्मानित

नई दिल्ली। म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। आज 13 जनवरी को मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का निधन हो गया। ऐसा बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें पुणे के एक अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उनका निधन हो गया।

92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस 

बता दें कि प्रभा अत्रे ने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। यह खबर सुनने के बाद उनके फैंस काफी दुखी हो गए हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रभा अत्रे के परिवार के कुछ करीबी लोग विदेश में रहते हैं। ऐसे में परिवार के लोगों के आने के बाद गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राष्ट्रपति मुर्मु ने जताया दुख

वहीं, प्रभा अत्रे की निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने एक्स पोस्ट में बताया कि महान हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका डॉ. प्रभा अत्रे जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से दुखी हूं, जिन्हें कई अन्य सम्मानों के अलावा तीनों पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनिया भर में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

किराना घराने से ताल्लुक

प्रभा अत्रे ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन जैसी कई संगीत शैली में सक्षम थीं। वह किराना घराने से ताल्लुक रखती थीं। प्रभा अत्रे ने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से शास्त्रीय संगीत सीखा था।

स्वरागिनी और स्वरंजनी म्यूजिक कंपोजिशन पर लिखी गईं उनकी तीन बुक काफी पॉपुलर हैं। सरला मधुसूदन देसाई, रागिनी चक्रवर्ती, चेतन बनावत जैसे कई सिंगर इनके शिष्य रह चुके हैं। इसके अलावा प्रभा अत्रे ऑल इंडिया रेडियो की फॉर्मर असिस्टेंड प्रोड्यूसर और ए ग्रेड ड्रामा आर्टिस्ट भी रह चुकी हैं।

मिले चुके हैं कई सम्मान और पुरस्कार

13 सितंबर, 1932 को पुणे में जन्मीं प्रभा अत्रे को बचपन से ही म्यूजिक का शौक का था। इसी शौक को उन्होंने आगे बढ़ाया और कई बड़े-बड़े पुरस्कार अपने नाम किए। प्रभा अत्रे को साल 1990 में पद्मश्री, साल 2002 में पद्म भूषण और साल 2022 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया। इनके अलावा भी उन्होंने कई पुरस्कार अपने नाम किए। वह एक राइटर भी रहीं। उन्होंने सिंगल स्टेज में 11 किताबें रिलीज की, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

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