मुजफ्फरनगर में बिजलीघर पर तैनात संविदाकर्मी की गला रेतकर हत्या, पुलिस ने कई संदिग्ध दबोचे
शाहपुर (मुजफ्फरनगर)। संविदा कर्मी एसएसओ उपेंद्र की हत्या से पहले घटनास्थल पर हाथापाई भी हुई थी। जिसकी कहानी घटनास्थल पर मिले निशान बयां कर रहा हैं। मृतक के गले के अलावा कई अन्य स्थानों पर भी धारदार हथियार से घाव के निशान थे।
उपेंद्र शुक्रवार रात भी ड्यूटी के लिए गया था। उसकी ड्यूटी शुक्रवार सुबह आठ बजे शुरू हुई थी, जो शनिवार सुबह आठ बजे समाप्त होनी थी। ड्यूटी समाप्त होने के बाद भी वह घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों को चिंता हुई और फोन करना शुरू किया। फोन रिसीव ने होने पर भाई रविंद्र बिजलीघर पर पहुंचे तो हत्या का पता चला था।
शव चारपाई पर न होकर जमीन पर पड़ा था। गला रेत कर हत्या की थी। मुंह, हाथ व पैर पर भी घाव के निशान थे। यह देखकर सभी का कहना था कि उपेंद्र ने जान बचाने के लिए खूब लड़ाई लड़ी, इस बीच उसे शरीर पर अन्य स्थानों पर घाव मिले।
खून सने पैरों के निशान
बताया गया कि घटना स्थल पर दो लोगों के खून सने पैरों के निशान दिखाई दिए। एक पैर की पैड तो बिजलीघर के पीछे व दूसरे पैरों की पैड मुख्य दरवाजे की तरफ दिखाई दी है। परिजनों ने बताया कि उपेंद्र लगभग दस बजे रात में खाना लेकर गया था, लेकिन उसने खाना खाया नहीं। खाना मौके पर रखा मिला था। पुलिस और ग्रामीण सभी का मानना है कि हो न हो, हत्यारे उपेंद्र के परिचित थे। जिन्होंने किसी बात पर उपेंद्र की हत्या कर दी। कुछ लोग घटना के पीछे शराबियों का हाथ होने का जिक्र कर रहे थे। वहीं एसडीएम अरुण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से तीन लाख और विद्युत निगम की ओर से दो लाख रुपये की धनराशि बतौर मुआवजा परिजनों को दी जाएगी।