केंद्र सरकार ने दिया निर्देश, निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों को भी रखनी होगी उपलब्धता
देश के कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही किल्लत और सप्लाई को लेकर सरकार हरकत में आई है. अब सभी रीटेल आउटलेट के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लीगेशन (Universal Service Obligation) लागू किया गया है. यह नियम रिमोट एरिया के लिए भी लागू होगा. अब सभी रीटेल आउटलेट, चाहे PSU के हो या निजी कंपनियों के हो, उन्हें ये मानना ही होगा. इसका मतलब यह हुआ कि कंपनियां अब सरकार द्वारा तय नियमों को मानने के लिए बाध्य होंगी. साथ ही पेट्रोल पंप पर स्टॉक भी मेंटेन करना होगा.
सरकार के निर्देश मानने होंगे
इसके अलावा Outlet खोलने और बंद करने के लिए भी सरकार के निर्देश मानने होंगे. फिलहाल यह यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लीगेशन (USO) उत्तर पूर्व में ही लागू था. सरकार ने यह फैसला हाल में हुई पेट्रोल-डीजल की किल्लत से निपटने के लिए लिया है. अब इस फैसले के बाद निजी कंपनियां मनमानी नहीं कर सकेंगी.
कंपनियां सप्लाई में कटौती कर रहीं
निजी क्षेत्र की फ्यूल रिटेल कंपनियां घाटे को कम करने के लिए सप्लाई में कटौती कर रही हैं. तेल मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘सरकार ने अब दूरदराज के आरओ सहित सभी खुदरा दुकानों (पेट्रोल पंप) के लिए यूएसओ दायरे का विस्तार किया है.’ बयान में कहा गया कि इसके तहत जिन संस्थाओं को खुदरा पेट्रोल और डीजल के लाइसेंस दिए गए हैं, वे ‘सभी खुदरा दुकानों पर सभी खुदरा उपभोक्ताओं के लिए यूएसओ का विस्तार करने के लिए बाध्य होंगे.’
नियम नहीं माना तो हो जाएगा लाइसेंस रद्द
नियमों का पालन नहीं करने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. मंत्रालय ने कहा, ‘बाजार में उच्च स्तर की ग्राहक सेवाओं को सुनिश्चित करने और बाजार अनुशासन के तहत यूएसओ का पालन सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है.’ यह कदम मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों में सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मों द्वारा संचालित कुछ पेट्रोल पंपों पर मांग अचानक बढ़ने के बाद स्टॉक खत्म होने के पश्चात उठाया गया है.
गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने परिचालन में कटौती की, क्योंकि वे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की कम कीमत वाली दरों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते थे.