उत्तर प्रदेशराज्य

महाकुंभ 2025 के लिए 2600 करोड़ रुपये का बजट, अयोध्या के लिये भी योगी सरकार ने खोला खजाना

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे आगे बढ़ाने पर खास जोर दिया है। सरकार ने अगले साल होने वाले महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए 2,600 करोड़ और अयोध्या हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 150 करोड़ रुपये का भी प्रस्ताव किया गया है। सरकार ने नगर विकास विभाग के बजट में अगले साल होने वाले महाकुंभ के लिए 2,500 करोड़ रुपये और संस्कृति विभाग के मद में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की है।

साथ ही अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। धर्मार्थ मार्गों के विकास के लिये 1,750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के लिये बजट में 10 करोड़ रूपये का प्रस्ताव किया गया है।

बजट में धार्मिक पर्यटन के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि बजट में श्रंगवेरपुर में निषाद राज गुहा सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिए 14.68 करोड़, आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना के लिए 11.79 करोड़ तथा महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र, चित्रकूट की स्थापना के लिए 10.53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम, मां शाकुम्भरी देवी, सारनाथ एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का विकास एवं सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना’’ के तहत उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है।

2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 37 करोड़ 90 लाख से ज्यादा आए पर्यटक 

खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 37 करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें घरेलू पर्यटकों की संख्या लगभग 37 करोड़ 77 लाख तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 43 हजार रही। खन्ना ने कहा कि भारत की संस्कृति धार्मिक, बौद्धिक, वैज्ञानिक रूप से अत्यन्त समृद्ध रही है। दुनिया के लिये यह एक आश्चर्य का विषय रहा है कि इतनी प्राचीन संस्कृति संदियों तक बाहरी आक्रमणों के बावजूद किस तरह अब भी अविच्छिन्न बनी हुई है। यह उनके लिये आश्चर्य का विषय हो सकता है लेकिन हमारे लिये यह जीवनशैली है।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक मार्ग के विस्तार-सौंदर्यीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में चार से पांच गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने के लिए पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में संभावित वृद्धि के मद्देनजर तीन मार्गों के चौड़ीकरण-सौंदर्यीकरण और छह स्थानों पर पार्किंग तथा जन सुविधाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है।

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