ग्रेटर नोएडा

तीन साल बाद 163 फ्लैट खरीदारों को अब मिल सकेगा मालिकाना हक

–सब लीजडीड पर हस्ताक्षर का मिलान न होने से आ रही थी अड़चन
–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ की पहल पर बोर्ड ने दी मंजूरी
–दो दुकानों की सबलीज डीड को रेगुलराइज करने की दी अनुमति
–रेगुलराइज होते ही आवंटी इन संपत्तियों पर पा सकेंगे पीटीएम

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के 165 फ्लैट/दुकान खरीदारों को सब लीजडीड कराने के लगभग तीन साल बाद सही मायने में अब अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल सकेगा। प्राधिकरण के सीईओ की पहल पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इन संपत्तियों को रेगुलराइज करने की अनुमति प्रदान कर दी है। रेगुलराइज हो जाने से फ्लैट खरीदार अपनी संपत्ति को बंधक रखकर बैंक लोन प्राप्त कर सकेंगे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 2010 में जियोटेक होम्स बिल्ड प्रा. लि को सेक्टर 16सी में और पैरामाउंट प्रॉप बिल्ड प्रा. लि. को सेक्टर-01 में प्लॉट आवंटित किया गया। जियोटेक होम्स में 438 फ्लैट व 13 दुकानों को और पैरामाउंट प्रॉप में 1716 फ्लैटों के सबलीज डीड की स्वीकृति प्रदान की गई। 2019-20 में जियोटेक जियोटेक होम्स ने 288 फ्लैटों व छह दुकानों की और पैरामाउंट प्रॉप ने 1270 फ्लैटों की सबलीज डीड करा ली। इनमें से जियोटेक होम्स के 51 फ्लैट व दो दुकानें और पैरामाउंट प्रॉप के 112 फ्लैटों की सबलीज डीड पर पेच फंस गया। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से आवंटित बिल्डर परियोजनाओं में बिल्डर, बायर व प्राधिकरण के बीच त्रिपक्षीय सबलीज डीड की जाती है और इसकी तीन प्रतियां प्राधिकरण के समक्ष प्रेषित की जाती हैं। इन पर प्रबंधक बिल्डर की साइन के बाद दो प्रतियां बिल्डर व खरीदार को उपलब्ध करा दी जाती है और एक प्रति प्राधिकरण में रख दी जाती है। खरीदार को परमिशन टू मोर्टगेज देने के समय इसकी जरूरत पड़ती है। इन दोनों प्रकरणों में ऑफिस कॉपी प्राधिकरण में उपलब्ध नहीं पाई गई और जब खरीदारों ने मोर्टगेज परमिशन के लिए आवेदन किया तो उस समय की प्रबंधक (बिल्डर) ने सबलीज डीड पर अपने हस्ताक्षर से इंकार कर दिए, जिसके चलते इन रजिस्ट्रियों को त्रुटिपूर्ण मानते हुए बिल्डर कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई। इस बीच इन रजिस्ट्रियों को रेगुलराइज किए जाने के लिए खरीदारों की तरफ से लगातार कोशिश होती रही। खरीदारों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से मिलकर इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए गुहार लगाई। इसकी जांच कराने पर पता चला कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में इन संपत्तियों की सबलीज डीड पर प्रबंधक (बिल्डर) की तरफ से अधिकृत प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किए हैं। सीईओ की पहल पर इस प्रकरण को हाल ही में संपन्न ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड के समक्ष रखा गया। बोर्ड ने इन सबलीज डीड को रि-वैलिडेट कराते हुए रेगुलराइज करने की अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही बोर्ड ने तत्कालीन प्रबंधक के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक ऑडिट कराने और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इन संपत्तियों की सबलीज डीड को रेगुलराइज करने के प्राधिकरण बोर्ड के फैसले से दोनों बिल्डर परियोजनाओं के 163 फ्लैट व दो दुकान खरीदारों को सही मायने में अपनी संपत्ति पर मालिकाना हक मिल सकेगा, जिस पर वे बैंक लोन भी प्राप्त कर सकेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी बिल्डर सौम्य श्रीवास्तव ने इसका कार्यालय आदेश शीघ्र जारी करने और इन सबलीज डीड को रि-वैलिडेट कर रेगुलराइज किए जाने की बात कही है।

सीईओ का बयान

-फ्लैट व दुकान खरीदारों की सहूलियत को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने जियोटेक होम्स व पैरामाउंट प्रॉपबिल्ड के 165 यूनिटों की सबलीज डीड को रि-वैलिडेट कर रेगुलराइज करने की अनुमति दे दी है। सबलीज डीड पर तत्कालीन प्रबंधक (बिल्डर) के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच जल्द कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।
सुरेन्द्र सिंह, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व मेरठ मंडलायुक्त

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights