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आरबीआई के बाद अब ईपीएफओ ने भी दिया पेटीएम को झटका, इन सर्विसेज पर लग गई रोक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) को 29 फरवरी, 2024 से प्रभावी जमा स्वीकार करने और पेमेंट की प्रासेस समेत सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाओं को रोकने का निर्देश दिया है. इसके बाद, अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने Paytm Payments Bank में रखे गए सब्सक्राइबर के EPF अकाउंट्स की जमा और क्रेडिट ट्रांजैक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है.

8 फरवरी, 2024 को जारी किए गए सर्कुलर में, EPFO ने अपने सभी फील्ड कार्यालयों को 23 फरवरी, 2024 से पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड में बैंक अकाउंट्स से जुड़े दावों को स्वीकार करने से परहेज करने की सलाह दी.

क्या 29 फरवरी के बाद Paytm वॉलेट का इस्तेमाल कर पाएंगे?

पिछले साल ही EPFO ने अपने बैंकिंग सेक्शन को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) और एयरटेल पेमेंट्स बैंक (Airtel Payments Bank) अकाउंट्स में EPF पेमेंट करने की अनुमति का निर्देश दिया था.

Paytm की कहानी

पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर RBI के सर्कुलर में यह कहा गया है:

  • 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी कस्टमर अकाउंट्स प्रीपेड टूल्स, वॉलेट, फास्टैग, NCMC कार्ड आदि में किसी भी ब्याज, कैशबैक या रिफंड के अलावा किसी भी जमा या क्रेडिट ट्रांजैक्शन या टॉप अप की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसे कभी भी क्रेडिट किया जा सकता है.
  • इसके ग्राहकों द्वारा सेविंग बैंक अकाउंट, करेंट अकाउंट्स, प्रीपेड टूल्स, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि सहित अपने अकाउंट्स से बैंलेस अमाउंट की निकासी या उपयोग की अनुमति उनके उपलब्ध बैलेंस राशि तक बिना किसी प्रतिबंध के दी जानी है.
  • 29 फरवरी, 2024 के बाद उपरोक्त सेवाओं के अलावा कोई अन्य बैंकिंग सेवाएं, जैसे फंड ट्रांसफर AEPS, IMPS इत्यादि जैसी सेवाओं के नाम और प्रकृति के बावजूद), BBPOU और UPI फैसिलिटी बैंक द्वारा प्रदान नहीं की जानी चाहिए.
  • वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड के नोडल अकाउंट्स को जल्द से जल्द, किसी भी स्थिति में 29 फरवरी, 2024 से पहले बंद किया जाना है.
  • सभी पाइपलाइन ट्रांजैक्शन और नोडल अकाउंट्स का निपटान (29 फरवरी, 2024 को या उससे पहले शुरू किए गए सभी ट्रांजैक्शन के संबंध में) 15 मार्च, 2024 तक पूरा किया जाएगा और उसके बाद किसी और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

RBI ने क्यों की यह कार्रवाई?

RBI के प्रेस नोट के मुताबिक, व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी लेखा परीक्षकों की बाद की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट ने बैंक में लगातार नॉन-कांप्लायंस और रेगुलर कंटेंट निगरानी की चिंताओं के बारे में खुलासा किया, जिससे आगे की कार्रवाई की आवश्यकता हुई.

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