दिल्ली/एनसीआरनई दिल्ली

कांग्रेस को बड़ा झटका, अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा; मल्लिकार्जुन खरगे को भेजी चिट्ठी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर दिल्ली कांग्रेस में असंतोष खुलकर सामने आ रहा है। ताजा मामले में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा है। उन्होंने इस फैसले की वजह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को बताया है। लवली को अगस्त 2023 में इस पद पर नियुक्त किया गया था।

दीपक बाबरिया पर लगाए बड़े आरोप

अरविंदर सिंह लवली ने अपने चार पेज के इस्तीफे में पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया पर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “प्रभारी ने मुझे पंगु बना रखा है, वह मुझे पार्टी नहीं चलाने दे रहे हैं। मेरी सलाह पर कोई नियुक्ति नहीं की जाती है। प्रदेश कांग्रेस की रजामंदी नहीं होने पर भी आप के साथ गठबंधन किया गया।”

उन्होंने आगे कहा कि तीन सीटों के प्रत्याशियों को चुनने में भी प्रदेश इकाई की सहमति नहीं ली गई। उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उदित राज को स्थानीय उम्मीदवारों को दरकिनार कर टिकट दिया गया। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध और उनकी भावनाओं की भी उपेक्षा की जा रही है।

शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे रमाकांत गोस्वामी ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया से इस्तीफा मांगा है। इससे पहले पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार भी दीपक बाबरिया को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं।

मालूम हो कि हाल ही में कांग्रेस सरकार में 15 साल मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के व्यवहार को बताया था।  इस बार दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। सीट बंटवारे के तहत आप को चार और कांग्रेस के खाते में तीन सीटें आई हैं।

कन्हैया कुमार को टिकट देने के खिलाफ थे अरविंदर सिंह- भाजपा

इस पर भाजपा नेता तजिंदर बग्गा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अरविंदर सिंह लवली पाजी एक राष्ट्रवादी हैं, और वह कन्हैया कुमार को टिकट देने के खिलाफ थे। पार्टी की आंतरिक बैठक में उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे कन्हैया को टिकट न दें क्योंकि उन्होंने भारतीय सेना को अपशब्द कहे हैं। हालांकि, किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

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