ग्रेटर नोएडा

गलगोटिया विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा मेटावर्स विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन

इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बतौर एक्स आर सेंटल कंपनी कें संस्थापक अंशुल अग्रवाल एवम् उनकी टीम के मैंबर मंयक सिंह मौजूद रहे

ग्रेटर नोएडा ( आमिर खान, संवाददाता ) । गलगोटिया विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा मेटावर्स विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन।

इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बतौर एक्स आर सेंटल कंपनी कें संस्थापक अंशुल अग्रवाल एवम् उनकी टीम के मैंबर मंयक सिंह मौजूद रहे।अंशुल अग्रवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए मेटावर्स की नई टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। जिसमें उन्होंने वर्चुअल रिएलिटी, ऑगमेंटेड रिएलिटी और वीडियो गेमिंग के बारे में विस्तारपूर्वक छात्रों को बताया।

आगे उन्होंने बताया कि मेटावर्स में इंसान एक आभासी दुनिया में रहता है। इस तकनीक को मेनस्ट्रीम में आने के लिए पांच से 10 वर्ष लग सकते हैं। मेटावर्स की दुनिया में हम वो सबकुछ कर सकेंगे जो वास्तविक दुनिया में कर सकते हैं।

हम वास्तविक दुनिया की तरह एक दूसरे के साथ मिल सकते हैं। यहां हम अपने रहने के लिए वर्चुअल घर और जमीन खरीद सकेंगे। मेटावर्स पर हम अपने दोस्तों के साथ डिस्को में एन्जॉय कर सकेंगे, उनके साथ खेल का लुत्फ उठा सकेंगे, फिल्में देख सकेंगे।
एक उदाहरण देकर समझाते हुए उन्होंने कहा कि मेटावर्स में किसी गांव में बैठा छात्र दिल्ली के किसी कॉलेज में ठीक उसी तरह क्लास अटेंड कर सकता है जिस तरह नॉर्मल क्लासरूम में बैठकर किया जाता है। हालांकि वो शारीरिक रूप से क्लास में उपस्थित नहीं होगा।

मेटावर्स पर हुआ कार्यशाला का आयोजन
गलगोटिया विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा आज मेटावर्स विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एक्स आर सेंटल कंपनी कें संस्थापक अंशुल अग्रवाल व टीम मैंबर मंयक सिंह मौजूद रहे।
अंशुल अग्रवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए मेटावर्स की नई टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। जिसमें उन्होंने वर्चुअल रिएलिटी, ऑगमेंटेड रिएलिटी और वीडियो गेमिंग के बारे में विस्तारपूर्वक छात्रों को बताया। उन्होंने बताया कि मेटावर्स में इंसान एक आभासी दुनिया में रहता है। इस तकनीक को मेनस्ट्रीम में आने के लिए पांच से 10 साल लग सकते हैं। मेटावर्स की दुनिया में हम वो सबकुछ कर सकेंगे जो वास्तविक दुनिया में कर रहे हैं।
उदाहरण से समझाते हुए उन्होंने कहा कि मेटावर्स में किसी गांव में बैठा छात्र दिल्ली के किसी कॉलेज में ठीक उसी तरह क्लास अटेंड कर सकता है जिस तरह नॉर्मल क्लासरूम में बैठकर किया जाता है। हालांकि वो शारीरिक रूप से क्लास में उपस्थित नहीं होगा।

इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि मीडिया और संचार के क्षेत्र में आए दिन बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में वर्चुअल रिएलिटी जैसा विषय का सदुपयोग किया जा सकता है।

जनसंचार के विभागाध्यक्ष प्रो. ए.राम पांडे ने अतिथियों को स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया। एक्स आर सेंटल कंपनी ने जनसंचार विभाग के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। जिसमें हमारे विभाग के छात्र मेटावर्स की बारीकियों को समझेंगे। कार्यशाला में विभाग के शिक्षकगणों के साथ-साथ छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights